मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज के मंत्रिमंडल का जातीय समीकरण, इस लिए मिली इन 5 मंत्रियो को मिनी कैबिनेट में जगह


 


 



  1. शपथ लेने वाले सभी मंत्रियों को संभागवार जिम्मेदारी दी जायेगी। फिरहाल किसी भी मंत्री को विभाग नहीं मिल रहे है।


भोपाल। पिछले 29 दिनों से अकेले प्रदेश की कमान संभाल रहे सीएम शिवराज आज अपने मिनी कैबिनेट को शपथ दिलाने जा रहे है। इस मिनी कैबिनेट में जिन मंत्रियों को शामिल किया गया है वो कहीं न कहीं अपने अपने जातीय और सामाजिक समीकरण में दमखम रखते है। शिवराज के मंत्रिमंडल का स्वरूप छोटा रखा गया है। इस मंत्रिमंडल में जातीय और सामाजिक समीकरण का पूरा ख्याल रखा गया है। शपथ लेने वाले सभी मंत्रियों को संभागवार जिम्मेदारी दी जायेगी। फिरहाल किसी भी मंत्री को विभाग नहीं मिल रहे है। मिनी कैबिनेट में शामिल मीना सिंह को महिला-आदिवासी वर्ग के प्रतिनिधित्व के तौर शामिल किया गया है।


इस लिए मिली मंत्रिमंडल में जगह
मीना सिंह पहले भी मंत्री रह चुकी है। माना जा रहा है कि विंध्य महाकौशल ,आदिवासी वर्ग, वैश्य वर्ग का प्रतिनिधित्व के लिए मीना सिंह को मंत्रिमंडल में जगह मिली है। वही ओबीसी वर्ग से आने वाले कमल पटेल को मंत्री बनाया जा रहा है। कमल पटेल कुर्मी समुदाय से आते हैं।


बीजेपी के दिग्गज नेता है नरोत्तम मिश्रा
प्रदेश में भाजपा की सरकार बनाने में नरोत्तम मिश्रा की अहम भूूमिका रही है। मध्य प्रदेश में बीजेपी के दिग्गज नेता के साथ नरोत्तम मिश्रा सामान्य वर्ग से ब्राह्मण चेहरे के तौर पर कैबिनेट में जगह दी गई है। नरोत्तम मिश्रा का नाम मुख्यमंत्री की रेस में भी माना जा रहा था। नरोत्तम मिश्रा सीएम शिवराज के काफी करीबी माने जाते हैं।


सिंधिया के करीबी है सिलावट
ज्योतिरादित्य सिंधिया के करीबी और अनुसूचित जाति वर्ग से आने वाले तुलसीराम सिलावट को शिवराज कैबिनेट में जगह मिली है। तुलसीराम सिलावट कमलनाथ सरकार में स्वास्थ्य मंत्री थे। ज्योतिरादित्य सिंधिया के करीबी होने और प्रदेश में होने वाले उपचुनाव को देखते हुए अनुसूचित जाति वर्ग को साधने की कोशिश करने के लिए तुलसीराम सिलावट को मंत्रिमंडल में जगह दी गई है।



राजपूत समुदाय के प्रतिनिधित्व के कारण जगह मिली
सामान्य वर्ग के राजपूत समुदाय के प्रतिनिधित्व के तौर पर गोविंद सिंह राजपूत को कैबिनेट में जगह मिल रही है। गोविंद सिंह राजपूत भी सिंधिया के समर्थक हैं और कमलनाथ सरकार में परिवहन मंत्री थे। मंत्रिमंडल के सबसे कद्दावर दावेदार पूर्व नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव, पूर्व मंत्री भूपेंद्र सिंह के नाम पर फिरहाल संशय की स्थिति बनी हुई है। सूत्रों के मुताबिक सागर जिले से सिंधिया समर्थक गोविंद सिंह राजपूत का नाम फाइनल होने के बाद इन दोनों लोगो को कहा गया कि उन्हें 3 मई के बाद मंत्री बनाया जाएगा।


विपक्ष लगातार सवाल खड़े कर रहा था
शिवराज सिंह चौहान 23 मार्च को मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद से शिवराज सिंह चौहान अकेले ही सरकार चला रहे है, जिसकी वजह से विपक्ष लगातार सवाल खड़े कर रहा था। विपक्ष के द्वारा लगातार सवाल खड़े करना और कोरोना बीमारी को देखते हुए मिनी कैबिनेट बनाया जा रहा है। माना जा रहा है कि इस मिनी कैबिनेट में मत्रियों को कोई विभाग फिरहाल नहीं मिलेगा। सभी को संभागवार जिम्मेदारी दी जाएगी।