- कमलनाथ ने कहा कि बीजेपी पहले ही दिन से प्रदेश में सरकार को अस्थिर करने की कोशिश कर रही थी
- भोपाल पंद्रह साल बाद मध्यप्रदेश की सत्ता वापसी करने वाली कांग्रेस की सरकार पंद्रह महीने में ही चली गई। 22 कांग्रेस विधायकों के बगावत के बाद प्रदेश की सरकार अल्पमत में चली गई। इस्तीफे की पेशकश से पहले सीएम कमलनाथ ने सीएम हाउस में पत्रकारों से बात की। इस दौरान उन्होंने बीजेपी पर कई संगीन आरोप लगाए। साथ ही बगावत करने वाले विधायकों के लिए कहा कि जनता उन्हें कभी माफ नहीं करेगी।
- सीएम कमलनाथ ने अपने इस्तीफे से पहले कहा कि मुझे प्रदेश की जनता ने पांच साल के लिए मौका दिया था जो कि बीजेपी को रास नहीं आया। प्रदेश में मेरी सरकार बनने के बाद से ही बीजेपी के लोग कहते थे कि यह सरकार पंद्रह दिन तक चलेगी। मेरी सरकार को अस्थिर करने की लगातार साजिश रची गई। पहले दिन से ही बीजेपी के लोग इस काम में लगे हुए थे। 22 विधायकों को प्रलोभन देकर तोड़ा गया।
कमलनाथ ने कहा कि बीजेपी ने साजिश रचकर लोकतांत्रिक मूल्यों की हत्या की। प्रदेश की जनता के साथ विश्वासघात हुआ है। मेरी कोशिश थी कि प्रदेश की तस्वीर बदले। बीजेपी ने किसानों के साथ धोखा किया है। हमारी सरकार बनते ही प्रदेश में किसान कर्जमाफी शुरू हुई थी। साथ ही हमने अपने कार्यकाल के दौरान प्रदेश को माफियामुक्त करने की कोशिश की। कमलनाथ ने कहा कि मेरी सरकार ने मजदूरों और किसानों को काम दिया।
राज्यपाल से मुलाकात से पहले कमलनाथ ने यह भी कहा कि हमने श्रीलंका में सीता माता का मंदिर निर्माण के लिए भी पहल की। आदिवासियों भाइयों के लिए भी हमने प्रदेश में कई कदम उठाए। मध्यप्रदेश की तुलना देश के बड़े राज्यों से होनी चाहिए। हमने दो लाख किसानों का कर्जा माफ किया। बीजेपी की सरकार ने प्रदेश में माफियाओं को बढा़वा दिया।
- सीएम ने कहा कि मेरी जनहितैषी योजनाएं इनको रास नहीं आई। मैं चाहता था कि महल कांग्रेस में आए। हमने शपथ लेने के पहले दिन से काम शुरू कर दिया। बीजेपी सरकार में देश में बेरोजगारी बढ़ी। हमने ज्यादा सीटें जीती थी। इनलोगों ने हमारे 22 विधायकों को बंधक बनाया। हमारा वचन पत्र पांच साल के लिए था। जनता ने महसूस किया कि सरकार क्या होती है।