मध्य प्रदेश में सिंधिया फिर पिछड़े, इस कारण लिखी गई मध्यप्रदेश में सियासी ड्रामे की कहानी



भोपाल. हरियाणा के एक पांच सितारा होटल में मंगलवार रात हुई हाई वोल्टेज ड्रामे को राज्यसभा चुनाव के सियासी समीकरण से जोड़कर देखा जा रहा है। मध्यप्रदेश में कांग्रेस विधायकों की सरकार से नाराजगी कोई नई नहीं है। ऐसे में राज्यसभा चुनाव के ठीक पहले कांग्रेस समर्थित 10 विधायकों का दिल्ली में लामबंद होना और हॉर्स ट्रेडिंग का आरोप चौंकाता है। वहीं, सूत्रों का कहना है कि इस पूरे घटनाक्रम से दिग्विजय सिंह का कद बढ़ा है तो सिंधिया का कम हुआ है। लेकिन वहीं, ये भी कहा जा रहा है कि पार्टी सिंधिया और दिग्विजय दोंनो को राज्यसभा नहीं भेजना चाहती है।



  1. राज्यसभा की रेस में कांग्रेस और भाजपा के अपने-अपने समीकरण हैं। दोनों को प्रदेश में खाली हो रही तीन सीटों में से कम से कम दो की दरकार है।


भाजपा को चाहिए मध्यप्रदेश से दो सीटें?
भाजपा को राज्यसभा में बहुमत की राह आसान नजर नहीं आ रही है। उसके लिए इस चुनाव में एक-एक सीट अहम है। ऐसे में भले ही विधायकों का वोट गणित उसे मध्यप्रदेश में एक सीट दिलाता हो पर वो दोनों सीटों पर नजर गढ़ाए बैठी है। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वीडी शर्मा कह चुके हैं कि हम एक से ज्यादा उम्मीदवार उतारेंगे। कांग्रेसी विधायकों को हाई वोल्टेज ड्रामे में अपनी भूमिका से भाजपा भल इंकार करे, लेकिन अगर ये विधायक उसे वोट देते हैं तो राज्यसभा में 114 विधायकों के वोट हासिल करके वो मध्यप्रदेश से अपने दो सदस्यों को राज्यसभा भेज सकती है


कांग्रेस में सिंधिया-दिग्विजय दावेदार?
विधायकों की सीटों के मौजूदा गणित के मुताबिक कांग्रेस को तीन में से दो सीटें साफ-साफ मिलती नजर आ रही हैं। लेकिन इन दोनों सीटों के लिए आधा दर्जन गंभीर दावेदार हैं। सबसे लंबी रेस पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह और पूर्व केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के बीच चल रही है। इसके अलावा कुछ और भी दावेदार हैं लेकिन वो सिंधिया और दिग्विजय के सामने बोल नहीं पा रहे हैं। सूत्रों के अनुसार, मुख्यमंत्री कमलनाथ और हाई कमान इस पक्ष में नहीं है कि दोनों को राज्यसभा भेजा जाए।



  1. दिग्विजय का कद बढ़ा
    दिल्ली ड्रामे के बाद दिग्विजय सिंह का वजन बढ़ा है। उधर सिंधिया इस एपिसोड़ से पीछे चले गए हैं। राज्यसभा के टिकट वितरण में इस घटनाक्रम का असर पड़ता दिखाई देगा। इसके पीछे एक तर्क यह भी है कि वोच तो विधायक ही करेंगे और दिग्विजय, भाजपा के जबड़े से विधायकों को निकालकर लाएं हैं।