मध्य प्रदेश के मुखिया शिवराज सिंह चौहान किया ऐलान 46 लाख पेंशनर्स को 2 महीने का एडवांस देगी सरकार, बीपीएल परिवारों को 1 महीने का राशन फ्री दिया जाएगा


 




  1.  मध्य प्रदेश सरकार नें बीपीएल परिवारों को 1 महीने का राशन निशुल्क देने का ऐलान किया है।

  2. 46 लाख पेंशनर्स को 2 महीने का एडवांस देगी सरकार, बीपीएल परिवारों को 1 महीने का राशन निशुल्क


कोरोना वायरस ने अपनी चपेट में अबतक कई लोगों को ले लिया है और इसके चलते देशभर में अब तक 10 लोगों की मौत भी हो चुकी है। इस स्थिति में आम जनजीवन पर खासा असर पड़ रहा है, खासकर मजदूर वर्ग पर जो की रोज कमाकर खाने वाले व्यक्ति हैं।


राहत की बात यह है की राज्य सरकारों द्वारा इन्हें सहायता के लिये कई तरह के सहायता पैकेज दिए जाने का ऐला किया गया है। फिलहार मध्यप्रदेश में बढ़ते कोरोना से संक्रमित लोगों को देखते हुए प्रदेश में कर्फ्यू लगा दिया गया है। जिसके कारण लोगों को परेशानी ना हो इसके लिए सरकार द्वारा कई ऐलान किए गए हैं।



मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बुधवार को मध्य प्रदेश के सभी आयुक्तों, आईजी, जिला कलेक्टरों, एसपी, सीएमएचओ, नगर निगम आयुक्तों, नगर पालिका सीएमओ से कोरोना वायरस की रोकथाम और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 21 दिन के देश में लॉकडाउन के ऐलान को लेकर चर्चा की। जिसमें मजदूर वर्ग, बीपीएल परिवारों और सभी प्रकार के सामाजिक सुरक्षा पेंशनर्स, विधवा पेंशनर्स सहीत सभी पेंशनर्स को राज्य सरकार ने मजदूर वर्ग को सहायता देने का लिया फैसला



  1. राज्य सरकार नें कोरोना व लॉकडाउन के कारण लिए ये फैसले


 



  1. प्रति मजदूरों को 1000 रुपये की सहायता देने का फैसला किया है।


 



  1.  कोरोना पॉजिटिव पाए जाने वालों का शासकीय हॉस्पिटल, मेडिकल कॉलेज, चिन्हित प्राइवेट हॉस्पिटल में निशुल्क इलाज किया जाएगा।

  2.  प्राइवेट अस्पतालों को आयुष्मान भारत योजना में निर्धारित दरों के हिसाब से भुगतान किया जाएगा।

  3.  कोरोना के नियंत्रण तथा लॉकडाउन के कारण जहां भी लोगों को भोजन या आश्रय की व्यवस्था करना हो खर्च की अनुमति प्रदान की जा रही है।


 मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बैठक में सामुदायिक निगरानी को बढ़ाने के कहा जिससे सर्दी, बुखार और खांसी के मरीजों के बारे में जिला प्रशासन को तत्काल सूचना मिल सके। इसके साथ ही जिन मरीजों को सामान्य सर्दी, खांसी और बुखार हो उन्हें जांच के बाद समाधान होने पर घर में ही दवाईयां पहुंचाने का प्रयास करें।


शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में ऐसे लोग जिन्हें भोजन की व्यवस्था करने में परेशानी हो उनके लिए स्वयंसेवी संस्थाओं आदि को प्रेरित कर भोजन के पैकेट बनवाने और वितरण की व्यवस्था की जानी चाहिए, जिससे कोई भूखा ना रहे।