- कोरोना के संदिग्ध मरीज क्वारेंटाइन या आइसोलेशन में जाने से मना करते हैं तो उन पर एफआईआर दर्ज हो सकती है
भोपाल. मध्य प्रदेश में कोरोना वायरस का खतरा बढ़ता जा रहा है। इसको देखते हुए प्रशासन कोरोना वायरस संदिग्धों की लापरवाही पर कार्रवाई कर सकता है। जानकारी के अनुसार, प्रदेश के कोरोना के संदिग्ध मरीज क्वारेंटाइन या आइसोलेशन में जाने से मना करते हैं तो उन पर एफआईआर दर्ज हो सकती है।
इस संबंध में जिला दंडाधिकारी को अधिकार दिए गए हैं। इस बीमारी से निपटने के लिए सरकार ने मप्र एपीडेमिक डिसीजेज एक्ट 2020 में यह प्रावधान किया है। इसे लेकर शनिवार को गजट अधिसूचना जारी की गई है। यह एक्ट एक साल तक के लिए लागू होगा।
इसके लिए जिला दंडाधिकारी ( कलेक्टर) को मप्र एपीडेमिक डिसीजेज एक्ट 2020 में इस तरह का अधिकार मिला हैण् शनिवार को इस एक्ट का गजट नोटिफिकेशन जारी हुआण् इस एक्ट को प्रदेश में एक साल के लिए लागू किया गया है। अन्य नियम भी बनाए गए हैं। प्रावधानों के उल्लंघन पर आईपीसी की धाराओं के तहत संबंधित के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी।
रविवार को मिले 5 नए मरीज
गौरतलब है कि रविवार को मध्य प्रदेश में कोरोना वायरस से पांच संक्रमित लोग मिले हैं। जिसके बाद पीड़ितों की संख्या 39 हो गई है। बता दें कि सबसे अधिक इंदौर से मामले सामने आ रहे हैं। अकले इंदौर में संक्रमितों की संख्या 20 हो गई है। वहीं ग्वालियर में भी एक मरीज संक्रमित पाया गया है।