ज्योतिराज सिंधिया की  पटकथा इन दो महिलाओं ने लिखी  शाह ने की निगरानी फिर इस तरह भाजपाई हुए 'महाराज' सिंधिया


 




  1. प्रियदर्शनी राजे सिंधिया की पहल के बाद ही ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भाजपा में शामिल होने का फैसला लिया था।

  2. भोपाल. ज्योतिरादित्य सिंधिया अब भाजपाई हो चुके हैं। ज्योतिरादित्य सिंधिया के भाजपा में शामिल होने के पीछे कई किरदार बताए जा रहे हैं। लेकिन ऐसा कहा जा रहा है कि ज्योतिरादित्य सिंधिया के कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल होने की मुख्य वजह उनकी पत्नी प्रियदर्शनी राजे सिंधिया हैं। सूत्रों का कहना है कि प्रियदर्शनी राजे सिंधिया की पहल के बाद ही ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भाजपा में शामिल होने का फैसला लिया था।


  3. बताया जा रहा है कि पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के ससुराल पक्ष से बड़ौदा राजपरिवार की महारानी राजमाता शुभांगिनी देवी गायकवाड ने उनके एवं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के बीच मध्यस्थता कराने में अहम भूमिका निभाई है। बता दें कि ज्योतिरादित्य सिंधिया की ससुराल बड़ौदा राजघराने में है। इसी राजघराने की महारानी राजमाता शुभांगिनी देवी गायकवाड ने सिंधिया और मोदी के बीच बातचीत का रास्ता तैयार किया। बड़ौदा की महारानी का प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अत्यधिक सम्मान करते हैं और उनसे उनके अच्छे संबंध हैं।


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प्रियदर्शनी राजे ने की थी बात
सूत्रों का कहना है कि ज्योतिरादित्य सिंधिया का ससुराल पहले से ही चाहता था कि ज्योतिरादित्य सिंधिया बीजेपी में शामिल हो जाएं। कांग्रेस में लगातार ज्योतिरादित्य सिंधिा की उपेक्षा हो रही थी। इस उपेक्षा के बाद प्रियदर्शनी राजे सिंधिया ने ज्योतिरादित्य सिंधिया से कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल होने की पहल की। माना जाता है कि ज्योतिरादित्य सिंधिया की पत्नी प्रियदर्शनी राजे ने अपनी मां से बात की थी कि ज्योतिरादित्य सिंधिया भाजपा में शामिल होना चाहते हैं और उसके बाद सिंधिया को बीजेपी में लाने की पटकथा शुरू हुई थी।




  1. सिंधिया के प्रचार करती हैं प्रियदर्शनी राजे
    प्रियदर्शनी राजे सिंधिया, लगातार ज्योतिरादित्य सिंधिया के लिए प्रचार करती नजर आती है। गुना-शिवपुरी संसदीय सीट पर ज्योतिरादित्य सिंधिया के प्रचार का जिम्मा खुद प्रियदर्शनी राजे सिंधिया उठाती हैं


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अमित शाह ने की निगरानी
बताया जाता है कि केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मध्यप्रदेश में हुए इस सारे घटनाक्रम की निगरानी खुद की और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्‌डा, भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शिवराज सिंह चौहान एवं केन्द्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के साथ बैठकें कर रणनीति बनाई। अमित शाह खुद ज्योतिरादित्य सिंधिया को अपनी गाड़ी में लेकर पीएम मोदी के पास पहुंचे थे। इसके बाद तीनों नेताओं के बीच लंबी बातचीत हुई थी और फिर ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया था। कांग्रेस से इस्तीफा देने के अगले दिन सिंधिया ने भाजपा ज्वाइन की थी।