भोपाल बरखेड़ी इलाके में स्थित जमजम शादी हॉल के पास घनी आबादी के बीच एक महिला डॉक्टर की क्लीनिक में देह व्यापार रैकेट चल रहा था। क्राइम ब्रांच ने छापा मारकर मंगलवार को इसका भंडाफोड़ कर दिया। इस दौरान अखिल भारतीय तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी के प्रदेश अध्यक्ष, बिल्डर, पूर्व सरपंच समेत 10 लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया। इनमें क्लीनिक की डॉक्टर और उसकी तीन महिला साथी भी शामिल हैं। डॉक्टर इस रैकेट की सरगना है। वह दो साल से इस धंधे को चला रही थी, लेकिन पुलिस को भनक नहीं थी। जब आसपास की महिलाओं ने डीजीपी से शिकायत की तो क्राइम ब्रांच सक्रिय हुई और कार्रवाई का अंजाम दिया। क्राइम ब्रांच की डीएसपी अदिती भावसान के अनुसार डीजीपी वीके सिंह के पास देह व्यापार की शिकायत की गई थी। सोमवार रात को जमजम शादी हॉल के पास क्लीनिक में एक पुलिस कर्मी को ग्राहक बनाकर भेजा गया।
ग्राहकों के अंदर आते ही डॉक्टर दरवाजा लॉक कर देती थी। उसकी मर्जी के बाद ग्राहक को बाहर जाने दिया जाता था। अच्छी बात यह रही कि सिपाही के अंदर जाने के बाद डॉक्टर लॉक करना भूल गई। इसलिए सिपाही अपने साथियों को सिग्नल दे पाया। इसके बाद क्राइम ब्रांच ने छापा मारा तो तीन महिलाएं और छह पुरुष आपत्तिजनक हालत में पकड़े गए। डॉक्टर खुद भी देह व्यापार करती पाई गई। पकड़े गए अन्य आरोपितों में मालवीय नगर में रहने वाले सचिन सिंह चौहान टीएमसी के प्रदेश अध्यक्ष हैं। वह बिल्डर भी हैं। इसके अलावा आसिफ हसन निवासी इब्राहिमपुरा प्रापर्टी डीलर है।
जहांगीराबाद निवासी आमिर खान सेल्स मैनेजर है। बरखेड़ी पुष्पानगर का रहने वाला मयंक साहू बीए द्वितीय वर्ष का छात्र और इरफान खान निवासी ग्राम छिंदपुरा बाड़ी बरेली जिला रायसेन का पूर्व सरपंच है। वहीं छोला रोड निवासी सलमान खान बेरोजगार है। पुलिस ने डॉक्टर की क्लीनिक से आपत्तिजनक सामाग्री बरामद की हैं। क्लीनिक में छोटे कमरे बने हुए थे, जहां यह धंधा चल रहा था। सेक्स ट्वॉयस भी बरामद किए गए हैं। बताया जा रहा है कि इन्हें विदेश से ऑनलाइन मंगाया गया था।
पुलिस टीम ने सात दिन तक रखी क्लीनिक पर नजर घनी आबादी के बीच क्लीनिक में दो साल से सैक्स रैकेट चल रहा था, लेकिन हैरानी की बात है कि पुलिस को पता नहीं था। क्लीनिक के आसपास रहने वाली सभी महिलाएं इससे परेशानी थी। उन्होंने डीजीपी वीके सिंह को लिखित शिकायत की, जिसके बाद पुलिस ने छापा मारा। सैक्स रैकेट का पर्दाफाश करने के लिए क्राइम ब्रांच डीएसपी आदिती भावसार और उनकी पुलिस पार्टी को लगाया गया था। सात दिन तक क्लीनिक पर नजर रखी गई।
दोपहर तीन से रात दस बजे तक चलता था धंधा- डीएसपी ने बताया कि आरोपित डॉक्टर अपने ग्राहक को देखकर रेट तय करती थी। अगर ग्राहक पैसे वाला होता था तो वह उस हिसाब से पैसे लेती थी। वह महिलाओं को बीस फीसदी हिस्सा देती थी। बाकी 80 फीसदी खुद रखती थी। वह अशोकागार्डन में रहती है। सुबह दस बजे क्लीनिक पहुंच जाती थी। दोपहर तीन बजे से रात दस बजे तक क्लीनिक में ग्राहक आते थे।
- बीयूएमएस का रजिस्ट्रेशन नहीं
- डीएसपी आदिती भावसार का कहना है कि महिला डॉक्टर गुप्त रोग और बवासीर का इलाज करती है। उसके पति की मृत्यु बीस साल पहले हो गई थी। डॉक्टर की तीन बेटियां हैं। उनकी शादी हो चुकी है। एक बेटा उसके साथ ही रहता है। महिला के पास बीयूएमएस (यूनानी चिकित्सा) की डिग्री मिली है। इसका रजिस्ट्रेशन नहीं कराया गया है।
- मरीज ही बन गए थे ग्राहक
महिला के पति भी डॉक्टर थे। यह क्लीनिक करीब 26 साल से चल रही थी। उसका कहना है कि दो साल से वह गंदा काम करने लगी थी। आर्थिक रूप से कमजोर व जरूरतमंद महिलाएं खुद उसके संपर्क में आकर देह व्यापार करने लगीं। अधिकतर ग्राहक वे थे, जो कभी उसके यहां अपना इलाज कराने आए थे। इन लोगों के दोस्तों के जरिए ग्राहक बढ़ते चले गए।
रैकेट की सरगना महिला डॉक्टर, उसकी तीन महिला साथी और छह पुरुषों समेत दस लोगों को गिरफ्तार किया गया है। आरोपितों में एक टीएमसी का नेता, बिल्डर और एक पूर्व सरपंच भी हैं। क्राइम ब्रांच ने मौके से आपत्तिजनक सामग्री भी बरामद की है
- निश्चल झारिया, एएसपी क्राइम ब्रांच