राज्यसभा और प्रदेश अध्यक्ष के लिए ज्योतिरादित्य सिंधिया हैं परफेक्ट कैंडिडेट परिवहन मंत्री का बड़ा बयान


 


 




  1. वहीं, दूसरे मंत्री डॉ गोविंद सिंह ने कहा कि ये हाईकमान तय करेगा



भोपाल राज्यसभा की खाली हो रही सीटों पर चुनाव के लिए अधिसूचना जारी हो गया है। इसके साथ ही दावेदार भी सामने आने लगे हैं। मध्यप्रदेश में कांग्रेस में राज्यसभा के लिए सबसे ज्यादा मारामारी है। अभी तक दिग्विजय सिंह और ज्योतिरादित्य सिंधिया दोनों सीटों के प्रबल दावेदार माने जा रहे हैं। इस बीच ज्योतिरादित्य सिंधिया खेमे के मंत्री गोविंद सिंह राजपूत का बड़ा बयान सामने आया है।


 



  1. परिवहन मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने कहा कि ज्योतिरादित्य सिंधिया की दावेदारी है या नहीं, ये तो मैं नहीं बता सकता हूं। लेकिन सिंधिया जी हर चीज के लिए कैपेबल हैं। वो राज्यसभा और प्रदेश अध्यक्ष के लिए परफेक्ट कैंडिडेट हैं। ये मेरी व्यक्ति राय है। लेकिन ये सिर्फ मेरी व्यक्तिगत राय नहीं बल्कि पूरे प्रदेश की इच्छा है। ज्योतिरादित्य सिंधिया को राज्यसभा भेजा जाए और प्रदेश अध्यक्ष भी बनाया जाए।


हाईकमान का काम है
वहीं, मंत्री गोविंद सिंह राजपूत के बयान पर मंत्री डॉ गोविंद सिंह ने कहा कि ये तय करना हाई कमान का काम है। डॉ गोविंद सिंह नहीं है कि किसको राज्यसभा भेजे और किसको नहीं। जो भी निर्णय हाईकमान लेगा, उसे हमलोग शतप्रतिशत पालन करेंगे। दरअसल, गोविंद सिंह का यह बयान गोविंद सिंह राजपूत के बयान के बाद आया है। राजपूत खुलकर सिंधिया को राज्यसभा भेजने की वकालत कर रहे थे।


 


आपसी खींचतान जारी
दरअसल, मध्यप्रदेश कांग्रेस में राज्यसभा और प्रदेश अध्यक्ष के लिए खींचतान जारी है। सिंधिया के समर्थक चाहते हैं कि ज्योतिरादित्य को राज्यसभा भई भेजा जाए और उन्हें प्रदेश अध्यक्ष भी बनाया जाए। जबकि दिग्विजय सिंह चाहते हैं कि उन्हें फिर से राज्यसभा भेजा जाए। इसे लेकर बयानबाजी का दौर शुरू हो गया। दोनों ही खेमे के लोग अपने आकाओं के लिए दावेदारी मजबूत तरीके से पेश कर रहे हैं।



  1. सिंधिया और दिग्गी की मुलाकात भी टली
    सोमवार को गुना में ज्योतिरादित्य सिंधिया और दिग्विजय सिंह के बीच मुलाकात होने वाली थी। लेकिन दोनों नेताओं के बीच सिर्फ दो मिनट की मुलाकात सड़क पर हुई है। मगर दोनों ने इस मुलाकात को अच्छा बताया है। सूत्रों के अनुसार बंद कमरे में मुलाकात के लिए ज्योतिरादित्य सिंधिया ने शर्त रखी है कि कमलनाथ भी रहेंगे, तभी हम तीनों एक साथ बैठकर बात करेंगे। अब देखना होगा कि तीनों नेता कब एक साथ बैठते हैं।