- भोपाल. अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई करने में बीएमसी का अमला और स्टाइल इंदौर के नगर निगम से काफी पीछे है। पिछले कुछ दिनों ने इंदौर में जहां बड़े माफिया पर कार्रवाई कर अवैध निर्माण ध्वस्त किए गए, वहीं भोपाल में कार्रवाई के चंद दिन बाद कई कारोबार फिर से संचालित हैं।
- इसी तरह नगर निगम क्षेत्र में होर्डिंग भी लगाए जा रहे हैं। नगर निगम अमला होर्डिंग उतार ले जाता है और संबंधित लोग फिर से होर्डिंग लगा लेते हैं। इंदौर और भोपाल नगर निगम की कार्रवाई के तरीके में फर्क होने के कारण ऐसा हो रहा है कि इंदौर में जहां अतिक्रमण खत्म हो जाता है और भोपाल में दो दिन बाद फिर से कब्जा कर लिया जाता है।
- उल्लेखनीय है कि दिसंबर 2019 में नगर निगम अमले ने पुलिस बल लेकर रातीबड़ थाना क्षेत्र में 32 डिग्री एनई, कंट्रीवाइड मीडोज, नेचर कॉटेज आदि रेस्टोरेंट्स ढहा दिए थे। चार दिन बाद ही ये सब संचालित होने लगे। अब अधिकारी भी इनपर हाथ डालने से और कुछ बोलने से कतराते हैं।
इन रेस्ट्रां लाउंज में पहले वाली गतिविधियां भी संचालित की जा रही हैं। इसी तरह शहर को होर्डिंग मुक्त करने के लिए अभियान तो चलाया गया, लेकिन अभी तक जोन 13 के वार्ड 55 में बाग मुगालिया एक्सटेंशन दशहरा मैदान और अरविंद विहार पेट्रोल पम्प के आगे बड़े-बड़े होर्डिंग लगे हुए हैं। स्थानीय नागरिकों का कहना है कि ये होर्डिंग बार-बार लगाए जा रहे हैं। ये होर्डिंग शहर की छवि तो खराब करते ही हैं, आवागमन में भी दिक्कत पैदा करते हैं।
इस तरह नहीं करते कार्रवाई
इंदौर नगर निगम अमला अतिक्रमण हटाते समय अपने साथ क्रशिंग मशीन रखता है, जिससे ठेल, गुमठी आदि जब्त कर वहीं पर क्रश कर स्क्रैप बना देता है। इससे उस ठेल या गुमठी से दोबारा अतिक्रमण की गुंजाइश ही नहीं रहती। इसी तरह होर्डिंग को हटाते समय एंगल काटकर पूरा ढांचा ही हटा दिया जाता है, जिससे दोबारा अतिक्रमण नहीं हो पाता। ऐसी व्यवस्था भोपाल नगर निगम अमले के पास नहीं है।
इंदौर की तर्ज पर अतिक्रमण करने वालों से निपटने के लिए क्रशिंग मशीन जैसे प्रयोग पर विचार चल रहा है।
- कमल सोलंकी, अपर आयुक्त, नगर निगम
दोबारा होर्डिंग लगाने वालों पर अधिकारियों से बात कर जल्द कार्रवाई की जाएगी।
- कमर साकिब, प्रभारी अतिक्रमण अधिकारी, नगर निगम भोपाल