गुना महाराजा और राजा  गर्मजोशी से मिले लेकिन बंद कमरे में बात नहीं हो सकी , दिग्विजय ने कहा- महाराज से बहुत अच्छे संबंध


गुना में दिग्विजय सिंह और ज्योतिरादित्य के बीच मुलाकात हुई। दोनों एक-दूसरे को माला पहनाई लेकिन बंद कमरे में जो वार्तालाप होनी थी वह नहीं हो पाई

हालांकि दोनों नेताओं के बीच बंद कमरे में बैठक नहीं हो पाई।
दोनों की मुलाकात को लेकर सियासी पारा चढ़ा हुआ था।


 




  1. इससे पहले दोनों नेता 8 साल पहले गुना में राजीव गांधी कांग्रेस भवन का लोकार्पण करने आए थे



गुना. कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव ज्योतिरादित्य सिंधिया और राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह के बीच अकेले में मुलाकात नहीं हो सकी। समय की कमी के चलते दोनों नेताओं के बीच होने वाली बैठक टाल दी गई है। सोमवार को दोनों नेताओं की मुलाकात हुई, लेकिन वह रोड पर हुई। दोनों गर्मजोशी से मिले और एक-दूसरे को फूलमाला पहनाकर स्वागत किया। इस दौरान दिग्विजय के बेटे जयवर्धन सिंह भी मौजूद थे। हालांकि उनके होने की संभावना कम ही थी। पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह गुना से आरोन के लिए रवाना हो गए हैं, वहां से इंदौर जाएंगे।




  1. बताया जा रहा रहा है कि इससे पहले दोनों नेता 8 साल पहले राजीव गांधी कांग्रेस भवन का लोकार्पण करने आए थे। उसके बाद एक बार फिर से यहां पर मिलने वाले थे। दोनों के बीच सर्किट हाउस के बंद कमरे में 45 मिनट तक बैठक होना भी प्रस्तावित थी, लेकिन वह नहीं हो सकी। कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव ज्योतिरादित्य सिंधिया और राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह की सर्किट हाउस में होने वाली बैठक को लेकर प्रदेश में सियासी पारा चढ़ा था।


पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने कहा कि उनकी ज्योतिरादित्य सिंधिया से कोई तनातनी नहीं है। उन्होंने सिंधिया को ‘महाराज’ के नाम से संबोधित करते हुए कहा कि ‘महाराज’ से उनके बहुत अच्छे संबंध हैं। सिंधिया और सिंह की प्रस्तावित मुलाकात को लेकर यहां जगह और समय तय हो गया था, लेकिन दोनों नेताओं की व्यस्थता के चलते यह संभव नहीं हो सका और सड़क पर ही दोनों नेताओं की मुलाकात हुई, इसके बाद दोनों चले गए।



  1. सिंधिया समर्थकों ने शहर में लगाए होर्डिंग पोस्टर, दिग्विजय गायब


इस बैठक को लेकर तमाम राजनीतिक मायने निकाले जा रहे थे, लेकिन शहर में लगाए गए होर्डिंग और बैनरों ने कांग्रेस में गुटबाजी को हवा दी। जहां सिंधिया समर्थकों ने शहर को होर्डिंग और बैनरों से पाट दिया, लेकिन इसमें दिग्विजय सिंह का फोटो नहीं दिखाई दिया। प्रदेश सरकार के कैबिनेट मंत्री भी सिंधिया के साथ कार्यक्रम में शामिल हो रहे हैं। वहीं ज्योतिरादित्य सिंधिया चुनाव हारने के बाद दूसरी बार गुना आए हैं।



आठ साल पहले सिंधिया ने दिग्गी को बताया था पितातुल्य
8 साल पहले शहर आए सिंधिया और दिग्विजय सिंह कांग्रेस कार्यालय भवन के लोकार्पण के समय सिंधिया ने कहा था कि वह दिग्विजय सिंह के बेटे की तरह हैं। उस बैठक में दिग्गी राजा को अपना प्रेरणास्रोत तक कहा था। वहीं, दिग्विजय सिंह ने कहा था कि सिंधिया को यूपीए सरकार का सबसे काबिल मंत्री बताया था। कांग्रेस समर्थकों का कहना है कि बंद कमरे में बैठक हुई तो दोनों के बीच सियासी दीवार ढह जाएगी। लेकिन बैठक नहीं हो सकी।



  1. रात को होर्डिंग लगाने में भिड़ गए थे समर्थक

  2. शहर के तेलघानी चौराहे पर देर रात को सिंधिया समर्थक आपस में भिड़ गए। उनमें आपस में खूब लात घूंसे चले। यह तमाशा देख राहगीरों और आसपास के लोग जमा हो गए देखते ही देखते तेलघानी चौराहे पर जाम की स्थिति बन गई। पुलिस का सायरन बजने के बाद वहां से लोग तितर-बितर हो गए। इसमें एक कार्यकर्ता को गंभीर चोट आई है। जबकि दो अन्य घायल होना बताया जा रहा है। जिस समय यह विवाद हुआ उस समय गुना विधानसभा से चुनाव हारे कांग्रेस के प्रत्याशी भी मौजूद रहे। लेकिन वे कार्यकर्ताओं को संभाल नहीं पाए। करीब 8 महीने बाद पूर्व सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया गुना आने वाले हैं। उनके स्वागत में कांग्रेसी नेता और कार्यकर्ता एबी रोड के किनारे स्वागत द्वार और होर्डिंग लगा रहे हैं।