भोपाल नगर निगम के ऐसे महापौर है आलोक शर्मा जो मतदान के जरिए महापौर चुने गए थे
आलोक शर्मा ने 18 फरवरी 2015को ली थी भोपाल के महापौर पद की शपथ
प्रदेश के 16 नगर निगम समेत 318 निकायों में महापौर-अध्यक्ष की जगह बैठेंगे प्रशासक
जनवरी-फरवरी में हो जाएगा भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर सहित 318 निकायों का कार्यकाल समाप्त
भोपाल महापौर आलोक शर्मा का कार्यकाल 18 फरवरी को समाप्त होने जा रहा है। इसके बाद संभाग कमिश्नर को नगर निगम का प्रशासक नियुक्त किया जाएगा। फिलहाल, आलोक शर्मा भोपाल ऐसे आखिरी महापौर होंगे, जो सीधे चुनाव के जरिए जीत कर आए थे। कांग्रेस सरकार ने नगर निगमों और नगरीय निकायों में अब महापौर औरअध्यक्ष के चुनाव के नियम बदल दिए हैं। अब जोभी चुनाव होंगे, उनमें पार्षद ही महापौर का चयन करेंगे। इसकी अधिसूचना भी जारी कर दी गई है।
भोपाल, इंदौर समेत प्रदेश की 16 नगर निगमों समेत 318 नगरीय निकायों में प्रशासक नियुक्त करना शुरू कर दिए हैं। इनका कार्यकाल जनवरी-फरवरी 2020 में समाप्त हो रहा है। कई जिलों में इनकी नियुक्ति भी हो चुकी है। नियमानुसार यहां इससे पहले चुनाव हो जाना था, लेकिन परिसीमन और मतदाता सूची तैयार नहीं होने के कारण चुनाव का टल गए।
कमिश्नर, कलेक्टर निकायों केअध्यक्षबनेंगे
भोपाल, इंदौर समेत अन्य बड़े नगर निगमों में संभाग आयुक्त को प्रशासक बनाया जा सकेगा। वहीं, जिला मुख्यालय की नगर निगम में कलेक्टर को यह जिम्मेदारी दी जा रही है। नगर पालिका में एसडीएम और नगर पंचायत में तहसीलदार को प्रशासकनियुक्त किया जा सकता है। इसकेपहले सरकार नगर निगमों की परिषद भंग करने की अधिसूचनाकार्यकाल समाप्त होने के एक हफ्ते पहले जारी करेगी।
- 6 माह तक टल सकता है निकाय चुनाव
निकायों का चुनाव 6 माह तक टल सकता है। प्रदेश के कई निकायों में अभी क्षेत्र की सीमा और वार्डों की सीमा तय नहीं हो पाई है। सरकार भोपाल और जबलपुर में दो नगर निगम बनाने का प्रयास कर रही है। लेकिन इन दोनों ही नगर निगम का परिसीमन और विभाजन का मामला कोर्ट में चल रहा है। कोर्ट के फैसले के बाद इन निकायों का परिसीमन किया जाएगा। सरकार चुनाव के लिए आयोग के पास प्रस्ताव देगी। मतदाता सूची तैयार कर उसका अंतिम प्रकाशन किया जाएगा।
45 दिन पहले जारी होगी अधिसूचना
मध्य प्रदेश राज्य निर्वाचन आयोग निर्वाचन तारीख से करीब 45 दिन पहले चुनाव की अधिसूचना जारी करेगी। इसके पहले आयोग कलेक्टरों से चुनाव तैयारियों के संबंध में फीडबैक लेगा। इस दौरान चुनाव आयोग को अगर लगता है कि कुछ जिलों में चुनाव की तैयारी पूरी तरह से नहीं हो पाई हैं, उन्हें आयोग समय भी देगा। इस प्रक्रिया में भी निर्वाचन निर्वाचन कार्यों में देरी लग सकती है।