मध्‍य प्रदेश के पहले ग्रीन वेस्ट सेंटर में खाद बनाने का काम शुरू


भोपाल रोजाना निकलने वाला करीब 32 ट्रक ग्रीन वेस्ट को अब फेंका नहीं जाएगा। राजधानी में नगर निगम ने प्रदेश के पहला हरित अपशिष्ठ (ग्रीन वेस्ट) निष्पादन केंद्र बनाया है। यहां कंपोस्ट (खाद) बनाने का काम शुरू कर दिया गया है। एम्स के पास बनाए गए इस सेंटर से तीन माह के अंदर खाद बनाकर तैयार की जाएगी। नगर निगम इससे शहर के 120 गार्डनों को संवारने का काम करेगा।


दरअसल, नगर निगम हर जोन में ऐसे ही ग्रीन वेस्ट सेंटर को स्थापित करने की योजना तैयार कर रहा है। निगम अधिकारियों ने बताया कि यहां बनाए गए 10 यूनिट में करीब 100 टन ग्रीन वेस्ट का उपयोग किया जाएगा। अब तक निगम शहर से निकले ग्रीन वेस्ट को आदमपुर छावनी स्थित लैंडफिल साइट में फेंक रहा था। सेंटर में कंपोस्ट बनाने के लिए सफल परीक्षण भी किया जा चुका है।



  1. ऐसे बनाई जा रही कंपोस्ट



पार्कों, बगीचों और अन्य क्षेत्रों से पेड़ों की कटाई-छटाई से निकलने वाले कचरे को ग्रीन वेस्ट कहा जाता है। सेंटर पर ग्रीन वेस्ट को पहले साफ करने का काम किया जाता है। मतलब बड़ी लकड़ियों और पत्तों को अलग कर इन्हें मशीन में डालकर छोटे-छोटे टुकड़ों में तब्दील कर दिया जाता है। चबूतरे नुमा यूनिटों में इन्हें डाला जाता है। साथ ही बैक्टीरिया प्रोसेस बढ़ाने के लिए गोबर व कल्चर (एक प्रकार का रसायन) का उपयोग किया जाता है। इसके बाद करीब तीन माह के अंदर खाद बनकर तैयार हो जाती है। यहां 24 घंटे प्रशिक्षित कर्मचारियों की तैनाती भी की गई है।



  1. ग्रीन वेस्ट का हो रहा पूरा उपयोग



निगम अधिकारियों ने बताया कि ग्रीन वेस्ट के हर रूप का उपयोग किया जा रहा है। इसमें पत्तों व टहनियों का खाद के रूप में व पेड़ की बड़ी शाखाओं का उपयोग अलाव जलाने व विश्राम घाटों में किया जा रहा है। मार्च में पहली ग्रीन वेस्ट कंपोस्ट तैयार की जाएगी। आम लोगों को जरूरत के हिसाब से खाद देने पर भी निगम विचार-विमर्श कर रहा है।



  1. इनका कहना है

  2. प्रदेश के पहले ग्रीन वेस्ट सेंटर पर खाद बनाने का काम शुरू कर दिया गया है। यह स्वच्छता को लेकर हमारा एक और कदम है। पहले इस वेस्ट को फेंक दिया जाता था, अब इसका उपयोग खाद बनाने में किया जाएगा।

  3. बी विजय दत्ता, निगम आयुक्त भोपाल