कल 30 तारीख को ही निपटा लें बैंक के जरूरी काम, हड़ताल के चलते 3 दिन बंद रहेंगे बैंक


 


  



  1. इस हड़ताल का असर प्रदेश के करीब 15 लाख इम्प्लॉइज और पेंशनधारको पर प़ड़ेगा। हड़ताल के कारण इस बार इन लोगों को वेतन और पेंशन मिलने में देरी होगी


भोपाल लंबित मांगों का निराकरण न होने से नाराज बैंक यूनियनों ने 31 जनवरी और 1 फरवरी को दो दिवसीय देशव्यापी हड़ताल का आह्वान किया है। जबकि 2 फरवरी को रविवार होने की वजह से सभी बैंकों की छुट्टी रहेगी। इस तरह मध्य प्रदेश समेत देशभर के लोग 3 दिन तक बैंकिंग सुविधा का लाभ नहीं ले सकेंगे। ऐसे में अगर आपको बैंक से संबंधित कोई भी काम है, तो उसे 30 जनवरी तक निपटा लें। इस हड़ताल का असर प्रदेश के करीब 15 लाख इम्प्लॉइज और पेंशनधारको पर प़ड़ेगा। हड़ताल के कारण इस बार इन लोगों को वेतन और पेंशन मिलने में देरी होगी। इस हड़ताल के जरिये बैंक यूनियन ने सरकार से ये भी कहा है कि, अगर तय समय में मांगों का निराकरण नहीं किया गया, तो आगामी 1 अप्रैल से सभी बैंक अनिश्चितकाल के लिए हड़ताल पर चले जाएंगे। इसे बैंक यूनियन की सरकार को चेतावनी माना जा रहा है।


 



  1. बढ़ सकती है आम लोगों की मुसीबत


 


लगातार 3 दिन तक बैंक बंद रहने से व्यवस्थाओं पर खासा असर पड़ने की संभावना है। इसका सीधा असर कामकाज पर पड़ेगा। इतने दिन में देशभर के एटीएम में कैश की किल्लत हो सकती है, अगर ऐसा हुआ तो आम लोगों को खासा परेशानी का सामना करना पड़ेगा। हालांकि, हड़ताल के दौरान नेट बैंकिंग के सामान्य रूप से काम करने की संभावना है। इससे पहले इसी महीने 8 जनवरी को बैंकों की हड़ताल थी। 10 केंद्रीय ट्रेड यूनियनों ने केंद्र सरकार की आर्थिक नीतियों के विरोध में 8 जनवरी को 'भारत बंद' का ऐलान किया था। तब भी बैंक कर्मचारी अपनी मांगों को लेकर हड़ताल पर चले गए थे।



  1. यूनियन के सामने ये है बड़ी चिंता


 



  1. यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियनों के नेताओं का कहना है कि वेतन पुनर्गठन समझौते को लागू नहीं किया जा रहा है। इसके लागू होने से बैंक कर्मियों को आर्थिक मदद मिलती। केंद्र एक के बाद एक बैंकों को मर्ज करते जा रहा है, लेकिन इन बैंकों के बकाया वसूली को लेकर कोई ठोस नियम नहीं है। हजारों करोड़ों का बकाया डूब जाएगा। इसका नुकसान बैंक, उनमें काम करने वाले कर्मचारी और देश को हो रहा है। इसी कारण आर्थिक सुस्ती देखी जा रही है और बैंकों को मर्ज करने से रोजगार के अवसर खत्म हो रहे हैं।


 



  1. अप्रैल में 8 दिन बंद रहेंगे बैंक


 


बैंक यूनियनों ने अप्रैल में भी अनिश्चतकालीन हड़ताल का भी ऐलान किया है। लगातार 3 दिन 11, 12 और 13 मार्च को भी बैंक ने हड़ताल करने का निर्णय किया है। हालांकि, 9 मार्च को होली है, जिसपर सरकारी छुट्टी रहती ही है। कई कर्मचारी होली के अगले दिन यानी 10 मार्च को छुट्टी ले सकते हैं। इसके अलावा हड़ताल 13 मार्च तक रहेगी, लेकिन 14 मार्च को पंचमी होने के कारण एक और छुट्टी होगी। यानी त्योहार के दिनों में देश के सभी बैंक  लगातार 6 दिनों तक बंद रहेंगे। साथ ही, मार्च के महीने की अन्य छुट्टियां मिलाई जाएं तो करीब 10 दिन बैंक बंद रह सकते हैं।


 



  1. पहले और अब में आए बदलाव बने विरोध का कारण


मौजूदा समय में बैंक अधिकारी के रूप में जो नए लोग नियुक्त हो रहे हैं उनका वेतन प्राइमरी के शिक्षक से थोड़ा नहीं, लगभग 10 हजार रुपए कम है। वहीं, नए नियुक्त हो रहे क्लर्क का वेतन राज्य और केंद्र सरकार के चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी से भी कम है। मांगों के जरिये ये भी कहा गया है कि, किसी समय में किसी आइएएस अफसर से भी ज्यादा था। 1977 तक बैंक अधिकारी का वेतन 760 रुपए था तो, आईएएस अफसर का वेतन 700 रुपए। वेतन निर्धारण के लिए बनाई गई कमेटियों के चलते मौजूदा समय में बैंक कर्मचारियों-अफसरों का वेतन इस स्तर पर पहुंचा है। इसके अलावा नवंबर 2017 में 11वां वेतनमान लागू हो जाना था, लेकिन अब तक उसे भी लागू नहीं किय गया। ऐसी ही मांगों को लेकर हड़ताल की घोषणा की गई है।



  1. इन मांगों को लेकर हड़ताल पर हैं बैंक यूनियन

  2. वेतन में कम से कम 20 फीसदी की वृद्धि की जाए। 
    बैंकों में हफ्ते में 5 दिन ही काम हो। 
    बेसिक पे में स्पेशल भत्ते का विलय हो। 
    एनपीएस को खत्म किया जाए। 
    परिवार को मिलने वाली पेंशन में सुधार।
    स्टाफ वेलफेयर फंड का परिचालन लाभ के आधार पर बांटना। 
    रिटायर होने पर मिलने वाले लाभ को आयकर से बाहर करना। 
    कांट्रैक्ट और बिजनेस कॉरेस्पॉन्डेंट के लिए समान वेतन