मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर जता चुके हैं नाराजगी
विधानसभा सत्र का भी कर चुके हैं बहिष्कार
सिंधिया का करीबी माना जाता है विधायक गोयल को
- अपनी ही सरकार से नाराज ग्वालियर पूर्व से कांग्रेस विधायक मुन्नालाल गोयल विधानसभा के बाहर धरने पर बैठ गए हैं। वे विधानसभा परिसर में गांधी प्रतिमा के नीचे धरने पर बैठना चाहते थे, लेकिन उन्हें अंदर प्रवेश नहीं करने दिया गया। गोयल को सिंधिया का करीबी माना जाता है।
इससे पहले उन्होंने मुख्यमंत्री कमलनाथ को एक पत्र लिखकर नाराजगी जाहिर कर चुके हैं। इतना ही नहीं शुक्रवार को विधानसभा सत्र का बहिष्कार भी किया था। सुनवाई न होने पर वे शनिवार को विधानसभा के बाहर धरने पर बैठे। जानकारी मिलते ही जनसंपर्क मंत्री पीसी शर्मा और संसदीय कार्य मंत्री डॉ गोविंद सिंह ने गोयल से मुलाकात कर उनकी हर मांग को पूरा करने का आश्वासन दिया।
विधायक गोयल का कहना है कि उनके क्षेत्र में गरीबों पर कड़ाके की ठंड में बुलडोजर चलाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने सत्ता में आने से पहले भूमिहिनों को पटटे देने का वचन दिया था। इसे पूरा करने की बजाए हम उन्हें उलट घर से बेघर कर रहे हैं। गोयल ने विधायकों के क्षेत्र में काम ना होने को लेकर भी अपनी नाराजगी जाहिर की है। उनकी मानें तो ना मुख्यमंत्री और ना ही मंत्रियों के पास विधायकों की समस्या सुनने की फुर्सत है।
- ये है पूरा मामला
मुन्नालाल गोयल ने ये लिखा था पत्र
लिखा, 5 वर्षों तक आप के नेतृत्व में सरकार के साथ खड़े रहेंगे, यह हमारा संकल्प है। हालांकि अपने क्षेत्र की जनता के हितों के लिए विधायक दल का विधायक बनने के बाद अपने क्षेत्र के गरीब भूमिहीन परिवारों के आशियाने के ऊपर कड़कती ठंड में बुलडोजर चलते देख रहा हूं।
प्रशासन के अधिकारियों से कांग्रेस कार्यकर्ता का अपमान देख रहा हूं और गरीब भूमिहीन परिवारों को पट्टे देने के सवाल पर सदन के अंदर ध्यानाकर्षण प्रस्ताव से लेकर पत्र के माध्यम से कई बार आपका ध्यान आकर्षित करा चुका हूं।