भूमाफिया विजय श्रीवास्तव ने सीलिंग की जमीन पर खड़ा कर लिया था आशियाना प्रशासन ने किया जमींदोज

 




  1. प्रशासन और नगर निगम ने की संयुक्त कार्रवाई



भोपाल सूरजकुंज कॉलोनी में सीलिंग की जमीन पर भू-माफिया विजय श्रीवास्तव द्वारा किए गए अवैध निर्माण को जिला प्रशासन और नगर निगम की संयुक्त कार्रवाई में शनिवार को जमींदोज कर दिया। श्रीवास्तव ने यहां सीलिंग की जमीन पर दुकानों के साथ आवासीय भवन बना लिए थे। अवैध रुप से श्रीवास्तव द्वारा किए गए एक अन्य निर्माण भी शनिवार को गिरा दिया गया है। तोड़े गए अवैध निर्माण की कीमत 90 लाख रुपए आंकी गई है। कार्रवाई के दौरान जिला प्रशासन, नगर निगम के अफसरों के साथ पुलिस बल भी मौजूद रहा।


तहसीलदार मनीष शर्मा का कहना है कि ग्राम बरखेड़ा पठानी के खसरा क्रमांक 402/ढ, 403/ढ सीलिंग की जमीन पर भू-माफिया विजय श्रीवास्तव ने सूरज कुंज तिराहे पर 1600 वर्गफीट के प्रथम फ्लोर का निर्माण अवैध तरीके से कर लिया गया था। निगम अमले ने यह निर्माण तोड़ दिया। इसके अलावा श्रीवास्तव का सूरज कुंज कॉलोनी में ही एक हजार वर्ग फीट सीलिंग भूमि पर एक और अन्य निर्माण किया था, इसे भी ढहा दिया गया।


यहां श्रीवास्तव ने चार दुकानों के साथ मकान खड़ा कर लिया था। श्रीवास्तव का शादी हॉल, एक शॉपिंग काम्पलेक्स, दो मंजिल अवैध निर्माण प्रशासन जमींदोज कर चुका है। साथ ही चार हजार वग फीट ग्रीन बेल्ट की जमीन भी इसके कब्जे से मुक्त कराई गई है।


टीटी नगर एसडीएम राजेश शुक्ला द्वारा शुक्रवार को चूना भट्टी में की गई कार्रवाई विवादों में आ गई है। दुकानदारों ने एसडीएम और तहसीलदार पर उन्हें गुमराह कर कार्रवाई करने का आरोप लगाया गया है। प्रशासन की कार्रवाई से नाराज व्यापारियों ने मीडिया के समक्ष अपनी बात रखी। इनका आरोप है कि प्रशासन की कार्रवाई किसी के इशारे पर की गई है।


यही कारण है कि चुनिंदा दुकानदारों को निशाना बनाया गया। जबकि जिस खसरे पर कार्रवाई की गई है, उसमें पहले से ही कई बड़े निर्माण है, जिन्हें छोड़ दिया गया। व्यापारी सुनील पांडे ने कहा कि एक तरफ सीएम कमलनाथ कह रहे हैं कि छोटे व्यापारियों को परेशान न किया जाए, इसके बाद भी प्रशासन के अफसर छोटे दुकानदारों पर ही कार्रवाई कर उनके आदेशों की अवेहलना कर रहे हैं।


उन्होंने कहा कि एसडीएम और तहसीलदार ने कार्रवाई के दौरान भरोसा दिलाया था कि यह कार्रवाई उन्हें जमीन लीज पर देने के लिए की जा रही है। इसके बाद सभी ने प्रशासन द्वारा तैयार पंचनामे में हस्ताक्षर कर दिए। लेकिन दो घंटे बाद मालूम पड़ा की जमीन को नगर निगम को सौंप दिया गया है। उन लोगों का 1985 से कब्जा है। इस मामले में जमीन लीज पर लेने के लिए कागजी कार्रवाई भी हुई। वहीं उच्च न्यायालय में प्रकरण भी लंबित है। पांडे ने कहा कि सभी व्यापारियों ने जनसंपर्क मंत्री के समक्ष अपनी बात रखी है। और 28999 वर्ग फिट जमीन लीज पर दिलाने की मांग की है।