व्यापम में फर्जी दस्तावेज से बन गए थे डॉक्टर, एसटीएफ ने दर्ज की तीन के खिलाफ एफआईआर


 



भोपाल। देश के सबसे बड़े शिक्षा घोटाले में एसटीएफ ने तीन एफआईआर और दर्ज की है। यह एफआईआर व्यापमं के तहत हुई पीएमटी परीक्षा को लेकर की गई है। एसटीएफ प्रेस कांफ्रेंस में इसका खुलासा करने वाली है।


बहुचर्चित व्यापमं महाघोटाले की जांच कर रही एसटीएफ को पीएमटी की 2004, 2005 और 2009 में कुछ नए लोगों का हाथ होने के प्रमाण मिले हैं। इसके बाद एसटीएफ ने तीन वर्षों में हुए शिक्षा घोटाले में तीन एफआईआर दर्ज की हैं। जिनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है, वे कई अस्पतालों में नौकरी भी कर रहे हैं।


 




  1. इन पर हुई एफआईआर:-


  2. -सीमा पटेल पीएमटी परीक्षा वर्ष 2004
    -विकास अग्रवाल पीएमटी परीक्षा वर्ष 2005
    -सीताराम शर्मा पीएमटी परीक्षा वर्ष 2009


 



बताया जाता है कि इसकी जांच सीबीआई भी कर रही है। लेकिन, एसटीएफ को कुछ अहम सबूत हाथ लगे हैं, जिसके बाद यह एफआईआर दर्ज की गई है। गौरतलब है कि सीबीआई ने अब तक दर्ज एफआईआर के आधार पर यह एफआईआर दर्ज की है। एडीजी अशोक अवस्थी ने मीडिया को बताया कि कोई कितना बड़ा हो उसे छोड़ा नहीं जाएगा। इनके खिलाफ मूल निवासी प्रमाण पत्र फर्जी पाए जाने के बाद यह प्रकरण दर्ज किए गए।


 


लंबे समय तक सक्रिय रहे माफिया-
एसटीएफ की विज्ञप्ति के मुताबिक मध्यप्रदेश में व्यापमं की ओर से आयोजित पीएमटी एवं अन्य प्रवेश या भर्ती परीक्षाओं में अनुचित साधनों का उपयोग कर परीक्षा उत्तीर्ण कराने में परीक्षा माफिया लंबे अरसे से सक्रिय रहे हैं, जिसके कारण ही व्यापमं जैसे घोटाले हो पाए। इस मामले में सीनियर ब्यूरोक्रेट्स, राजनेता, दलालों और अभ्यर्थियों के व्यापक गठजोड़ सामने आने के बाद व्यापमं घोटाले की जांच सर्वोच्च न्यायालय की ओर से जुलाई 2015 में सीबीआई को सुपुर्द की गई।


 



  1. गृहमंत्री ने दिए थे जांच के आदेश-
    इस घोटाले में पहले कई शिकायतें आती रही लेकिन व्यापमं घोटाले में दोषी कुछ व्यक्तियों के खिलाफ अब तक कार्रवाई नहीं हुई। इस संबंध में एसटीएफ के स्तर पर लंबित शिकायतों की निष्पक्षतापूर्वक जांच के लिए मध्यप्रदेश के गृहमंत्री बाला बच्चन ने सितंबर 2019 में लंबित व्यापमं शिकायतों की जांच और साक्ष्य संकलन कर कार्रवाई करने के आदेश दिए थे।


 




  1. व्यापमं घोटाले में 31 आरोपियों को सजा सुनाई, सभी को 7-7 साल, मुख्य आरोपी को 10 साल जेल
     व्यापमं महाघोटाले की वो कहानी जो रह गई अधूरी, आज भी रहती है चर्चाओं में

  2. 31 आरोपियों को सजा-
    इससे पहले 25 नवंबर 2019 को व्यापमं सीबीआई कोर्ट ने पुलिस आरक्षक भर्ती परीक्षा 2013 के 31 आरोपियों को सजा सुना दी। सीबीआई की विशेष कोर्ट ने 30 आरोपियों को 7-7 साल की सजा दी है। वहीं मुख्य आरोपी प्रदीप त्यागी को 10 साल की सजा दी गई। आरोपियों में 12 परीक्षार्थी, 12 12 फर्जी परीक्षार्थी और 7 दलाल शामिल हैं। सभी को कोर्ट ने जेल भेज दिया।