भोपाल नगर निगम द्वारा करोड़ों रुपए खर्च किए जा रहा है इसके बाद भी सफाई व्यवस्था फेल होती नजर आ रही है मेन रोड पर सफाई देखने को मिलती है वार्ड और मोहल्ले गलियों का बद से बदतर हाल है जोन नंबर 12 का हाल भी कुछ ऐसा ही है वार्ड नंबर 44 का सबसे खराब हालात है सुदामा नगर का नाला जो बरसों से भी साफ नहीं हुआ और गली की नालियों का भी यही हाल है जो मल मूत्र से भर रही है जोन नंबर 12 के अधिकारी और कर्मचारियों अनदेखी सुदामा नगर वासियों को झेलना पढ़ रही है बड़े-बड़े दावे करने वाली भोपाल नगर निगम और सफाई के नाम पर लाखों खर्चा करने पर भी समस्या वही की वही है नगर निगम के सारे दावे खोखले नजर आ रहे हैं फोक मशीनें वार्ड में कहीं भी नजर नहीं आती जबकि नगर निगम के उच्च अधिकारी फोक मशीनों का इस्तेमाल होना बता रहे हैं जॉन और वार्डों में मशीनें या तो खराब पड़ी है या फिर अधिकारियों की रूचि नहीं है इनको चलाने की भोपाल नगर निगम में पैसे की बर्बादी खुलकर की जा रही है जैसे कि अभी वार्ड दरोगा को बैटरी से चलने वाली गाड़ी दी गई है ऐसे ही भोपाल नगर निगम द्वारा जो जुगाड़ के h-o बनाए गए उनको भी फोर व्हील गाड़ी और ड्राइवर दिए गए हैं कहीं ना कहीं इनके द्वारा गाड़ियों का दुरुपयोग हो रहा है जो गाड़ियां दी गई है शासकीय कार्य के लिए दी गई ना की घरों की फैमिली को घुमाने के लिए भोपाल नगर निगम द्वारा करोड़ों रुपए की गाड़ियां खरीदी जा रही है और 25 दिवसीय कर्मचारियों को सैलरी देने के लिए पैसा नहीं है 25 दिवसीय कर्मचारी नगर निगम की रीढ़ की हड्डी है इसके बावजूद 3 से 4 महीने तक इनकी सैलरी नहीं दिया क्या कभी नगर निगम के उच्च अधिकारियों ने 25 दिवसीय कर्मचारियों के लिए कभी कुछ नहीं सोचा जबकि पूरे भोपाल नगर निगम में कहीं भी किसी भी डिपार्टमेंट में सबसे ज्यादा काम करने वाले 25 दिवसीय कर्मचारी हैं और इन्हीं कर्मचारियों को सैलरी के लिए 3,4 महीने रुकना पड़ता है क्या कभी किसी अधिकारी ने सोचा इनका परिवार कैसे चलता होगा इनके बच्चों का पेट कैसे भरता होगा