स्कूल वैन पॉलिसी-प्रायवेट स्कूलों ने परिवहन विभाग को नहीं भेजे प्रतिनिधियों के नाम

 



  1. बच्चों की सुरक्षा को लेकर अब स्कूल प्रबंधन भी होंगे जिम्मेदार स्कूल प्रबंधन,अभिभावकों और वैन संचालकों को आपस में हर महीने करनी होगी बैठक


 



भोपाल। प्रदेश के सरकारी प्रायवेट स्कूलों में पढऩे वाले बच्चों की सुरक्षा के लिए 1 नवंबर से लागू होने वाली पॉलिसी प्रायवेट स्कूल प्रबंधनों की जिद के चलते लागू नहीं हो सकी। परिवहन विभाग अब इस पॉलिसी को दिसंबर में लागू करने की कवायद कर रहा है। आरटीओ ने विभग की ओर से मांगी गई जानकारियां नहीं भेजने पर शहर के एक दर्जन बड़े प्रायवेट स्कूल प्रबंधनों को नोटिस भेजे हैं।



  1. इन नियमों का करवाना है पालन

  2.  वाहनों की खिड़कियों में 5 सेमी की दूरी रखनी होगी।

  3.  खिड़कियों पर काले कांच या परदे नहीं लगाए जा सकेंगे।
     वाहन के दरवाजे ऑटो लॉक प्रणाली से लैस होंगे।

  4.  वाहन में बच्चों के स्कूल बस्ते, बॉटल रखने के लिए अलग से जगह बनानी होगी।
     हर वाहन में २ से ५ किग्रा का फायर फाइटर सिस्टम लगाना अनिवार्य होगा


 ऑटो रिक्शा में कपड़े या रेगजीन की छत लगाकर स्कूल वाहन नहीं बनाया जा सकेगा।
 हेवी व्हीकल लायसेंस के अलावा ५ साल का अनुभव वाहन चालक के पास होना जरुरी होगा



  1. दो बार से ज्यादा बार रेड लाइट जंप करने के मामले में परमिट तत्काल निलंबित कर दिया जाएगा।

  2.  


वाहन चालक की आयु २१ से कम और ६० वर्ष से ज्यादा नहीं हो सकती


 



  1. यदि वाहन में केवल छात्राओं का परिवहन होता है तो महिला कंडक्टर का होना अनिवार्य रहेगा।
     


स्कूल वैन के चालकों को हर साल अपने स्वास्थ्य का फिटनेस सार्टिफिकेट दिखाना होगा।


 छोटे बच्चों के लिए अलग से वैन एवं वाहन सहित स्टाफ की व्यवस्था करनी होगी।
 स्कूल बस के स्टाफ को निर्धारित यूनिफार्म नीली शर्ट-काली पेंट पहनकर ही वाहन चलाना होगा।


स्कूली वैन को पहले से ज्यादा सुरक्षित बनाने पॉलिसी लाई जा रही है। इसके तहत सभी निजी स्कूल प्रबंधनों की भी जिम्मेदारी तय होना है। समिति की बैठकें जल्द शुरू करवाई जाएंगी।             


 



  1.  संजय तिवारी, आरटीओ