- तैयार हो रहा प्रस्ताव, एमआईसी की मोहर लगने के बाद बढ़ाई जाएंगी दरें। हाईटेक तरीके से सफाई की प्लानिंग।
भोपाल राजधानी में बेहतर साफ-सफाई व्यवस्था के लिए नगर निगम टैक्स (कर) में 50 प्रतिशत की वृद्धि करने की तैयारी कर रहा है। दरअसल, बजट के अभाव के बावजूद नगर निगम शहर की सफाई व्यवस्था पर हर माह चार करोड़ रुपए खर्च कर रहा है। जबकि, निगम को स्वच्छता के लिए हर महीने करीब 7 करोड़ रुपए की जरूरत है। यानि हर महीने कम से कम तीन करोड़ रुपए अतिरिक्त राशि की आवश्यकता है। अब अतिरिक्त राशि की जरूरत को पूरा करने के लिए नगर निगम ने टैक्स में वृद्धि करने तैयारी शुरू कर दी है। प्रस्ताव पर अंतिम मोहर एमआईसी लगाएगी।
अधिकारियों ने बताया कि सीमित संशोधनों के कारण स्वच्छता व्यवस्था पर प्रभाव पड़ रहा है। उधर, स्वच्छता सर्वेक्षण की प्रतिस्पर्धा के कारण भी पहले स्थान पर आना किसी चुनौती से कम नहीं है। तंगहाली के कारण नगर निगम सफाई व्यवस्था में मनमाफिक खर्च नहीं कर पाता। लिहाजा स्वच्छता के लिए टैक्स यूजर्स चार्ज की वर्तमान दरों में वृद्धि करने की तैयारी जा रही है।
हाईटेक सफाई व्यवस्था के लिए तैयारी
नगर निगम के पास अत्याधुनिक मशीनों से सफाई व्यवस्था किसी चुनौती से कम नहीं है। इंदौर समेत देश के अन्य नगर निगमों में सफाई व्यवस्था के लिए भोपाल नगर निगम से कही ज्यादा संशोधन हुए हैं। निगम प्रशासन की प्लानिंग है कि प्राप्त राजस्व से सबसे पहले गाड़ियों की संख्या बढ़ाई जाएगी। इसके साथ पोलकेन मशीनें, कचरा दबाने के लिए कंप्रेशर जैसी महंगी मशीनों की खरीदी की जाएगी। अभी तक नगर निगम बड़ी मशीनों की आपूर्ति ठेके पर करता है। इससे भी निगम पर अतिरिक्त भार पड़ता है।
- यह है कचरा कलेक्शन की स्थिति
शहर में प्रतिदिन 800 मीट्रिक टन कचरा निकलता है। निगम शहर के सभी 19 जोन के 85 वार्डों में कचरा कलेक्शन का काम 510 बड़े-छोटे वाहनों से करता है। इस कार्य में प्रतिदिन निगम के करीब 6,600 सफाई कर्मचारी लगाए जाते हैं। तेज गति से सफाई के लिए रोबोटिक मशीनें लाने की तैयारी की जा रही है।
- आदमपुर व कचरा स्टेशनों की हालत सुधरेगी
भानपुर खंती की जगह अब आदमपुर छावनी स्थित लैंडफिल साइट पर पूरे शहर का कचरा डंप करना नई समस्या बन गई है। यहां कचरे से बिजली बनाने की प्लानिंग भी बजट न होने के कारण फेल हो गई है। सुधार के लिए निगम को 70 लाख से अधिक राशि की आवश्यकता है।
अभी इन दरों पर हो रही वसूली
शासकीय व अशासकीय दुकानों
एक हजार वर्ग फीट तक : 30 रुपए प्रति माह
मुख्य बाजार
एक हजार वर्ग फीट तक : 60 रुपए प्रति माह
मैरिज गार्डन, शादी हॉल, होटल
5 हजार वर्ग फीट तक : 500 रुपए प्रति माह
5 हजार वर्ग फीट से ज्यादा : 1000 रुपए प्रति माह
उद्योग
5 हजार वर्ग फीट तक : 500 रुपए प्रति माह
5 हजार वर्ग फीट से ज्यादा : 1 हजार रुपए प्रति माह
सरकारी आई व एच टाइप आवास : 250 रुपए प्रति वर्ष
सरकारी एफ व एच टाइप आवास : 500 रुपए प्रति वर्ष
सरकारी ई व डी टाइप आवास : 1 हजार रुपए प्रति वर्ष
केंद्र व राज्य सरकार व अशासकीय कार्यालय
1500 वर्ग फीट तक : 1 हजार रुपए प्रति वर्ष
5 हजार वर्ग फीट तक : 5 हजार रुपए प्रति वर्ष
10 हजार वर्ग फीट से अधिक : 10 हजार रुपए प्रति वर्ष
इनका कहना है
- शहर में कहां-कितनी दरों में वृद्धि की जाए इस पर विचार मंथन कर रहे हैं। स्वच्छता व्यवस्था को बेहतर करने के लिए दरों में वृद्धि की जाना आवश्यक है। जनप्रतिनिधियों की सहमति के बाद प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है।
- बी. विजय दत्ता, निगम आयुक्त