भोपाल. इस साल का आखिरी सूर्यग्रहण गुरुवार को होगा। यह ग्रहण भारतवर्ष में भी दिखाई देगा। भोपाल में इस ग्रहण का स्पर्श सुबह 8:11 बजे ओर मोक्ष 11:02 मिनट पर होगा। ज्योतिषियों का कहना है कि सूर्यग्रहण का सूतक 12 घंटे पहले से मान्य किया जाता है, इसलिए बुधवार रात्रि 8:11 बजे से इस ग्रहण का सूतक प्रारंभ हो जाएगा। गुरुवार सुबह ग्रहण के सूतक के कारण मंदिरों के पट बंद रहेंगे, इसलिए गुरुवार सुबह देवदर्शन नहीं होंगे। ग्रहण समाप्ति के बाद ही मंदिरों के पट खुलेंगे।
मूल नक्षत्र, धनु राशि पर रहेगा यह ग्रहण
ज्योतिषाचार्य अंजना गुप्ता के अनुसार पौष कृष्णपक्ष अमावस्या पर पडऩे वाला यह ग्रहण मूल नक्षत्र और धनु राशि में रहेगा। यह कंकणाकृति सूर्यग्रहण भारत के अधिकांश हिस्सों में खंडग्रास के रूप में दिखाई देगा, जबकि बंगलूरू, मदुरई केन्नानूर, कोजीकोड आदि स्थानों पर यह कंकणाकृति ग्रहण के रूप में दृश्य होगा। यह ग्रहण मूल नक्षत्र के तीसरे चरण में पड़ेगा। ग्रहण अवधि के दौरान भोजन, शयन नहीं करना चाहिए और प्रतिमाओं को स्पर्श नहीं करना चाहिए। ग्रहण दौरान मंत्र जाप, साधना आदि करना फलदायी माना जाता है।
अनुसंधान का विषय बनेगा
ज्योतिष मठ संस्थान के पं. विनोद गौतम का कहना है कि भारत में तीन साल के अंतराल के बाद सूर्यग्रहण नजर आएगा, जो कई अनुसंधान का विषय बनेगा। इसके पहले 9 मार्च 2016 को सूर्यग्रहण पड़ा था, जो भोपाल सहित भारत के अधिकांश हिस्सों में दिखाई दिया। इसके बाद 26 फरवरी 2017 और 21 अगस्त 2017 और 16 फरवरी 2018, 13 जुलाई 2018 और 11 अगस्त 2018 को भी सूर्यग्रहण की स्थिति बनी थी, लेकिन ये ग्रहण भारतवर्ष में दिखाई नहीं दिए थे, सिर्फ विदेशों में दिखे थे। इस ग्रहण का स्पर्श पूर्व दिशा से होगा और मोक्ष दक्षिण पश्चिम के कोने में होगा।
अलग-अलग प्रभाव रहेंगे
ज्योतिषाचार्य पं. प्रहलाद पंड्या ने बताया कि इस ग्रहण के प्रभाव अलग-अलग दिखाई देंगे। राजनीतिक, आर्थिक, प्राकृतिक क्षेत्रों में इसके प्रभाव दिखाई देंगे। राशियों पर भी इसके अलग-अलग प्रभाव रहेंगे। जिन राशियों के लिए यह ग्रहण मिश्रित और अशुभ फलदायी है, उन राशि के जातकों को पवित्र स्थान पर बैठकर लक्ष्मीनारायण के मंत्र, महामृत्युंजय मंत्र का जाप करना चाहिए, इसके साथ ही ग्रहण समाप्त होने के बाद यथाशक्ति दान करना चाहिए।
- भोपाल में ग्रहण की अवधि
सुबह 8:11 बजे स्पर्श
सुबह 9:29 बजे मध्य
सुबह 11:02 बजे मोक्ष
ग्रहण का सूतक 12 घंटे पहले
ग्रहण के कारण देश दुनिया में यह होगा असर
- राजनीति में उथल-पुथल की स्थिति बनेगी
- प्राकृतिक आपदा की स्थिति बन सकती है
- सर्दी का प्रकोप बढ़ेगा, कई हिस्सों में वर्षा एवं ओलावृष्टि के योग रहेंगे
- युद्ध, गृह युद्ध जैसी स्थिति का करना पड़ेगा सामना- किस राशि पर क्या रहेगा असर- पं. ओमप्रकाश उपाध्याय के अनुसार
मेष: चिंता व मानसिक परेशानी रहेगी। स्वास्थ्य संबंधी परेशानी भी हो सकती है
वृषभ: शत्रु का भय चिंतित करेगा। आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ सकता है।
मिथुन: दांपत्य जीवन के लिए बेहतर नहीं है। कारोबार में कठिनाई और नौकरी को लेकर चिंता रहेगी।
कर्क: शत्रुओं से दूरी बढ़ेगी, लेकिन गुप्त चिंता मन को परेशान करेगी। जीवन साथी के स्वास्थ्य का ध्यान रखना होगा।
सिंह: खर्च बढ़ेगा, साथ ही कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है। प्रेम संबंधों में कड़वाहट पैदा हो सकती है।
कन्या: कार्य सिद्धि के योग हैं। परिवार के बुजुर्गों की सेहत के प्रति जागरूक रहना होगा। काम को ध्यान से पूरा करें।
तुला: धन लाभ वाला है। इस दौरान प्रभु का सिमरन व ध्यान लगाकर कार्य करने से सफलता मिलेगी।
वृश्चिक: आर्थिक स्थिति खराब रहेगी। परिवार में झगड़ा, आर्थिक क्षति हो सकती है।
धनु: मानसिक चिंताएं बढ़ेंगी, आर्थिक कमजोरी का योग बन रहा है। संयम बनाए रखने की जरूरत है।
मकर: आय के विपरित खर्च अधिक होगा। शत्रु हावी हो सकता है। घर में टकराव की स्थिति से बचने की कोशिश करें। कुंभ: आय में वृद्धि के साथ-साथ अपनों से लाभ होगा। इस अवधि में शुभ समाचार भी मिल सकता है।
मीन: कारोबार, सर्विस वालों के लिए नुकसानदेह रहेगा। रोग परेशानी दे सकता है। मानसिक परेशानी हो सकती है। - ग्रहण काल में यह करें
ग्रहण के दौरान साधना, मंत्रों का जाप करना चाहिए
ग्रहण समाप्ति के बाद पवित्र स्नान करना चाहिए
ग्रहण का दान करना चाहिए।
ग्रहण कार्य के दौरान यह न करे
सूतक के दौरान भोजन बनाना, भोजन करना वर्जित रहता है-
देव प्रतिमा, तुलसी के पौधे को स्पर्श नहीं करना चाहिए.
ग्रहण काल में शयन, खान, पान और किसी भी तरह के वस्तु कीखरीदारी से बचना चाहिए
सूर्यग्रहण में बाल अथवा दाढ़ी नहीं कटवानी चाहिए, ना ही बालों और हाथों में मेहंदी लगवानी चाहिए
ग्रहण के दौरान उधार लेन देन से बचना चाहिए. उधार लेने से दरिद्रता आती है और उधार देने से लक्ष्मी नाराज होती हैं