दिग्गज कांग्रेस नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया के दो समर्थक मंत्री अपने-अपने समर्थकों की रेत खदानों को लेकर आमने सामने हैं। उनका यह टकराव अब खुलकर सामने आ गया है। दरअसल, खाद्य मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर और महिला एवं बाल विकास मंत्री इमरती देवी के बीच रेत खदानों को लेकर तु डाल-डाल, मैं पात-पात की तर्ज पर सियासत चल रही है। पहले खाद्य मंत्री तोमर ने मंत्री इमरती देवी के समर्थकों की खदानें बंद करा दी, तो बाद में इमरती ने प्रद्युम्न समर्थकों के क्रेशर निलंबित करा दिए। विवाद बढऩे पर अब इमरती देवी ने सीएम कमलनाथ को चिठ्ठी लिखी है। अब मामले में सीएम सचिवालय स्तर से भी कदम उठाए जा सकते हैं।
- यूं समझे मामला
- पूरा खेल मंत्री इमरती के समर्थकों की डबरा व आस-पास क्षेत्र में संचालित खदानों के बंद होने से शुरू हुआ है। पहले प्रद्युम्न सिंह तोमर ने इमरती के समर्थकों की 6 खदानों को बंद करा दिया।
इस पर इमरती देवी ने नाराज होकर 9 दिसंबर को प्रदूषण के नाम पर प्रद्युम्न समर्थकों की गिट्टी क्रेशर की शिकायत कर दी। तब, ग्वालियर के जिला प्रशासन ने इमरती की शिकायत पर बिलुआ व आस-पास के क्षेत्र में प्रद्युम्न समर्थकों के क्रेशर की मंजूरी निलंबित कर दी। अब इमरती देवी ने 24 दिसंबर को सीएम कमलनाथ को पत्र लिखा है कि उनके डबरा व आस-पास के क्षेत्र की 6 खदानों को शुरू किया जाए। इसमें लिखा गया है कि पहले खदानों को जिन कमियों के कारण बंद किया गया था, उनकी अब पूर्ति कर दी गई है। खदानों के आस-पास विकास कार्य कर दिया गया है।
- खनिज मंत्री के सामने भिड़े दोनों मंत्री
कुछ दिन पहले भोपाल में खनिज मंत्री प्रदीप जायसवाल के सामने भी दोनों मंत्रियों के बीच में तू-तू मैं-मैं हुई थी । मंत्री इमरती का आरोप था कि उनके क्षेत्र की खदानें साजिश के तहत बंद कराई गई हैं।
उन्होंने खनिज मंत्री पर इस बात के लिए भी दबाव बनाया कि उनके विधानसभा क्षेत्र में आने वाले बिलौआ में क्रेशर खदानों से प्रदूषण फैल रहा है। वहां के खेत खराब हो रहे हैं। ऐसे में तत्काल इन्हें बंद कराया जाए। पास ही में खड़े मंत्री प्रधुम्न सिंह तोमर ने इमरती की इस बात परा ऐतराज जताया। उन्होंने कहा कि आप अपनी खदानें शुरु करवा लो क्रेशर बंद कराने की बात क्यों कर रही हो। इमरती ने उखड़ते हुए कहा मेरी खदाने किसने बंद कराई हैं। मुझे सब पता है आप बीच में मत बोलो। इसके बाद दोनों में विवाद बढ़ गया। हालांकि, इमरती के दबाव के बाद खनिज मंत्री ने तत्काल ग्वालियर फोन लगाकर क्रेशर की जांच कर प्रदूषण फैलाने पर उन्हें बंद करने के निर्देश भी दिए।
इनका कहना
रेत खदान से मेरा कोई लेना-देना नहीं है। एक भी रेत खदान मेरे रिश्तेदार की नहीं है। सरपंचों का कहना था कि डबरा की खदानें ही क्यों बंद की गईं। यही सवाल मैंने मुख्यमंत्री से पूछा है कि जब सरकार ने खदाने दी हैं प्रदेश भर में चल रही हैं तो मेरे क्षेत्र में क्यों बंद की गईं। मैंने सीएम को पत्र लिखा है, उसे कोई भी पढ़ सकता है। मेरा किसी मंत्री से कोई विवाद नहीं है।
- इमरती देवी, मंत्री महिला एवं बाल विकास विभाग
- रेत खदानों के टेंडर हो चुके हैं। ठेका शर्तों के तहत प्रक्रिया पूरी होने के बाद नियमानुसार रेत का उत्खनन शुरु कराया जाएगा। अभी मुख्यमंत्री सचिवालय से बंद खदानों को शुरु करने के लिए किसी तरह के निर्देश प्राप्त नहीं हुए हैं।
- अनुराग चौधरी कलेक्टर, ग्वालियर