मोबाइल कोर्ट पहुंची तो धड़ाधड़ बंद हुए बाजार, तमाशा देखने वालों को पुलिस ने लाठी मारकर खदेड़ा

भोपाल. शहर में शनिवार को मोबाइल कोर्ट ने अतिक्रमण करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की। मोबाइल कोर्ट को देख हड़कंप मच गया और बाजार बंद होने लगे। कोर्ट के पास तमाशबीनों की भीड़ लग गई। भीड़ को हटाने के लिए पुलिस को लाठियां भी भांजनी पड़ी। कोर्ट ने एमपी नगर जोन वन और टू के साथ सात नंबर स्टॉप पर कार्रवाई की। पहले तो मजिस्ट्रेट रोहित श्रीवास्तव ने निगम अमले के बिना ही बाजारों का जायजा लिया। इसके बाद निगम और पुलिस की टीम के साथ कार्रवाई शुरू की गई। कोर्ट को देखते ही दुकानदारों ने अपने अतिक्रमणों को हदों में समेटना शुरू कर दिया। देखते ही देखते बाजार बंद हो गया। टीम ने एमपी नगर की बड़े होटलों का औचक निरीक्षण शुरु किया। जोन वन स्थित मिलन होटल में टीम पहुंची। एचओ राजीव सक्सेना और टीम होटल के बेसमेंट में बने किचन में पहुंचे। जहां-तहां गंदगी व बदबू को लेकर संचालक को जमकर फ टकार लगाई। गंदगी को देख होटल पर जुर्माना लगाया गया।



  1. मजिस्ट्रेट बोले- शहर की सूरत खराब कर रखी है


पैदल क्षेत्रों में गंदगी व अतिक्रमण का जायजा ले रहे मजिस्ट्रेट रोहित श्रीवास्तव भी स्थिति को देखते हुए नाराज दिखाई दिए। मनोहर डेयरी होटल के सामने सड़क पर खड़ी गाडिय़ों को देखते हुए उन्होंने कहा कि अतिक्रमण ने शहर की सूरत बिगाड़ दी है।



  1. खाने के नाम पर दे रहे गंदगी


कार्रवाई के दौरान नगर निगम अमले ने शहर की बड़ी होटलों में शामिल रेसीडेंसी, राहुल स्टार, सागर गैरे, विष्णु चाइनीज, पिकासो होटल, राजहंस, अमल होटल, कमला होटल, टेस्ट ऑफ इंडिया, स्कॉलर होटल मिलन होटल का निरीक्षण किया। सभी जगह पर टीम को गंदगी मिली। सभी होटलों पर जुर्माना किया गया। एचओ राजीव सक्सेना ने होटल संचालकों से कहा कि खाने के नाम पर ऐसे गंदगी तो मत परोसो।



  1. तमाशबीनों पर बरसी लाठियां

  2. कार्रवाई के दौरान बाजारों में भारी मात्रा में भीड़ जमा हो गई। पुलिस की टीम ने पहले लाइडस्पीकर से भीड़ को हटने को कहा। पुलिस के कहने के बावजूद जब भीड़ नहीं हटी तो लाठियां भांजनी शुरू कर दी।
    89 व्यापारियों पर कार्रवाई, 1.70 लाख का जुर्माना
    मोबाइल कोर्ट की कार्रवाई के दौरान 45 व्यवसायियों से 1.70 लाख रुपए जुर्माना वसूल किया। 44 व्यवसायियों द्वारा म्युनिसिपल मजिस्ट्रेट के सामने उपस्थित न होने के कारण उनके प्रकरणों को जिला न्यायालय को अग्रिम कार्रवाई के लिए अग्रेषित किया गया। 30 हजार से अधिक स्पॉट फ ाइन भी वसूल किया गया।