कमलनाथ सरकार का एलान, किसी भी सूरत में मध्यप्रदेश में लागू नहीं होगा एनआरसी.        सीसीए

 




  1. कमलनाथ के नेतृत्व में निकली संविधान बचाओ शांति यात्रा


 


मध्य प्रदेश के सीएम कमलनाथ ने बुधवार को ऐलान किया किसी भी सूरत में मध्यप्रदेश में नागरिकता संशोधन कानून और एनआरसी को लागू नहीं किया जाएगा। सीसीए के खिलाफ सबड़े बड़ी संविधान बचाओ शांति यात्रा के समापन पर सीएम ने साफ किया कि देश के संविधान की रक्षा के लिए कांग्रेस पार्टी इस कानून का विरोध जारी रखेगी। इस कानून को लेकर एमपी की कांग्रेस सरकार और आम लोग बुधवार को सड़कों पर उतरे। सीएम के साथ हजारों लोगों ने पैदल मार्च कर विरोध दर्ज कराया।


 


गांधी टोपी पहने और हाथों में तिरंगा लिए कांग्रेसियों ने सीसीए लागू किए जाने के विरोध में जमकर नारेबाजी की। सीएम कमलनाथ ने बीजेपी पर जनता को गुमराह करने की राजनीति करने का आरोप लगाया। सीएम ने साफ कहा है कि कांग्रेस का शांति मार्च प्रदेश के लिए नहीं, बल्कि पूरे देश के लिए है।



उन्होंने कहा कि रैली के जरिए देश के दिल से यह बताना चाहते हैं कि किस तरह केंद्र सरकार देश को तोड़ना चाह रही है। मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा कि हम भारत के संविधान और संस्कृति का सम्मान करते हुए इस कानून का पालन नहीं करेंगें देश आज कठिन दौर से गुजर रहा है।


 



पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि जिस बिल को संसद के दोनों सदनों ने बहुमत से पास करके कानून बनाया है उसके विरोध में किसी राज्य का मुख्यमंत्री शांति मार्च कैसे कर सकता है। बुधवार को चंडीगढ़ में पत्रकारों से चर्चा में उन्होंने कहा कि कमलनाथ, अशोक गेहलोत और ममता बनर्जी को पहले मुख्यमंत्री का पद छोडऩा चाहिए उसके बाद केंद्र के द्वारा बनाए कानून के विरोध में मार्च निकालना चाहिए।


राज्यसभा सदस्य और कांग्रेस लीगल सेल के अध्यक्ष विवेक तन्खा ने कहा है कि संशोधित नागरिकता कानून को चुनौती देने के लिए सभी कांग्रेस शासित राज्य सुप्रीम कोर्ट में अलग-अलग याचिकाएं दाखिल करेंगे।
जबलपुर में पत्रकारों से चर्चा करते हुए तन्खा ने कहा कि देश में बनाए गए नागरिकता कानून का उददेश्य नागरिकता देना था, लेकिन केन्द्र सरकार इसमें संशोधन कर अब इसका दुरुपयोग कर रही है।