भोपाल। भाजपा के प्रहलाद लोधी की विधानसभा से सदस्यता सोमवार को बहाल कर दी गई। नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव के गोटेगांव में विधानसभा अध्यक्ष एनपी प्रजापति से मुलाकात के बाद इस पर सहमति बनी। भार्गव ने विधानसभा अध्यक्ष को सुप्रीमकोर्ट का आर्डर सौंपने के साथ उनकी सदस्यता बहाल करने का आग्रह किया। स्पीकर ने कहा कि मैंने न्यायालीय प्रक्रिया के तहत उनकी सदस्यता समाप्त की थी और अब न्यायालयीन प्रक्रिया के तहत ही उसे बहाल कर रहा हूं
लोधी इस विधानसभा के आगामी सत्र में प्रश्न नहीं लगा पाएंगे, क्योंकि लिखित सवाल पूछने का समय निकल चुका है। लेकिन अध्यक्ष ने कहा है कि वे ध्यानाकर्षण, शून्यकाल सहित अन्य कार्यवाही के तहत अपनी बात सदन में रख सकते हैं।
ये था मामला
तहसीलदार से मारपीट के मामले में पवई विधायक प्रहलाद लोधी को भोपाल की विशेष अदालत ने दो साल की सजा सुनाई थी। उसके तत्काल बाद विधानसभा अध्यक्ष ने उनकी सदस्यता समाप्त कर दी। लोधी ने विशेष न्यायालय के फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती दी। जिसके बाद उन्हें सजा पर स्थगन मिल गया। इस मामले में राज्य सरकार ने सुप्रीमकोर्ट में हाईकोर्ट के स्थगन आदेश को चुनौती देती हुए याचिका लगाई थी। इस याचिका को सुप्रीमकोर्ट ने खारिज कर दिया था। इसके बाद लोधी की विधानसभा से सदस्यता बहाली का दावा और मजबूत हो गया।
लोधी का कार्यक्रम टला
प्रहलाद लोधी को मंगलवार को भोपाल पहुंचना था। लेकिन उनके पांव में जख्म होने के कारण वे फिलहाल उपचार करा रह हैं। लोधी ने कहा कि सत्य की जीत हुई है। उन्हें भरोसा था कि उनकी सदस्यत बहाल होगी। अब वे अगले सत्र में शामिल होंगे।
स्पीकर बोले
जल्दबाजी में कोई निर्णय नहीं लिया
स्पीकर ने कहा कि जब प्रहलाद लोधी को विशेष अदालत से सजा सुनाई गई थी, तो उसके तीन दिन बाद मैंने उनकी सदस्यता समाप्त करने का निर्णय लिया। लेकिन लोगों ने कहा कि जल्दबाजी ने निर्णय लिया गया है। अब सुप्रीमकोर्ट से आदेश होने के तीन दिन बाद मैंने उनकी सदस्यता बहाल की है। जल्दबाजी में कोई निर्णय नहीं लिया जाता। उन्होंने कहा कि कभी-कभी उत्साही लोगों को टीवी चैनलों में जाने से पहले यह सोच लेना चाहिए कि एक संवैधानिक पद पर बैठे हुए व्यक्ति पर टिप्पणी नहीं की जाती है।