60 हजार लोगों पर दर्ज प्रकरण वापस लेगी कमलनाथ सरकार मध्यप्रदेश में सत्ता में आने से पहले कांग्रेस ने अपने वचन पत्र में किया था वादा

भोपाल। मध्यप्रदेश की सरकार 60 हजार किसानों और एससी-एसटी वर्ग के लोगों को बड़ी राहत देने जा रही है। कांग्रेस ने सत्ता में आने से पहले अपने वचन पत्र में इसका वादा किया। इस वचन पत्र में कांग्रेस पार्टी ने कहा था कि वो सत्ता में आई तो किसान आंदोलन और अनुसूचित-जाति, जनजाति आंदोलन के वक्त दर्ज हुए प्रकरणों को वापस ले लेगी। इन प्रकरणों को वापस लेने के बाहने कांग्रेस अपने कुछ नेताओं को इस वर्ग के बीच प्रमोट करने की रणनीति बना रही है। साथ थोड़े दिनों बाद आने वाले नगरीय निकाय चुनावों से भी इसे जोड़कर इसे देखा जा रहा है। जल्द ही यह प्रक्रिया पूरी होने वाली है


दोनों ही मामले को लेकर प्रदेश के गृहमंत्री बाला बच्चन और विधि मंत्री पीसी शर्मा ने दोनों विभागों के अफसरों के साथ चर्चा की। इसमें कांग्रेस नेताओं में किसान आंदोलन से जुड़े रहे पूर्व विधायक पारस सकलेचा और डीपी धाकड़ और एससीएसटी आंदोलन से जुड़े रहे प्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष सुरेंद्र चौधरी भी मौजूद रहे। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक गृह मंत्री ने भी कहा है कि किसान आंदोलन और अजाजजा आंदोलन में अज्ञात लोगों को बड़ी संख्या में आरोपी बनाया गया था। इनमें लगभग 60 हजार लोगों के प्रकरण सरकार वापस लेगी
174 एफ आई आर और 50 हजार से ज्यादा आरोपी
पारस सकलेचा और धाकड़ किसान आंदोलन के दौरान दर्ज हुए मामलों को देखेंगे। इनकी विस्तृत जानकारी भी सरकार को उपलब्ध कराने में वे मदद करेंगे। अकेले मंदसौर में ही करीब 42 हजार आरोपी किसान आंदोलन में बनाए गए हैं। यह सख्या अज्ञात आरोपियों की है, ऐसे में पुलिस न तो इनको पकड़ सकी है और न ही इतने लोगों की तलाश कर पाई है। इसलिए इन सभी प्रकरणों को वापस लेकर खत्म किया जाएगा। किसान आंदोलन के दौरान पूरे प्रदेश में 174 एफ आई आर हुई थी। इसमें 50 हजार से अधिक लोगों को आरोपी बनाया गया था
अजा-जजा आंदोलन में 8 हजार आरोपी
दो अप्रैल 2018 को अजा-जजा आंदोलन के दौरान हुई हिंसा में 8 हजार लोगों को आरोपी बनाया गया था। इननकी जानकारी के लिए प्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष सुरेंद्र चौधरी को जिम्मेदार दी गई है। वे इन प्रकरणों की जानकारी मंत्रियों को देंगे। दोनों मामले को लेकर 11 दिसंबर को बैठक में चर्चा होगी।