पुलिस चौकी बने हो गए 3 वर्ष, अभी तक नहीं पहुंची पुलिस - काजलीखेड़ा पुलिस चौकी के क्षेत्र में आते कई गांव और कॉलोनियां

  1. एक  दशक के दौरान राजधानी का काफी विस्तार हुआ है। एमपी नगर को केन्द्र मान लें तो शहर में चारों तरफ लगभग 20-20 किलोमीटर दूर तक बसावट हो चुकी है। कॉलोनियों की सुरक्षा की बात करें तो लोगों के बीच पुलिस की पहुंच नहीं है। लोगों की डिमांड पर जो पुलिस चौकियां या सहायता केन्द्र बनाए भी गए तो वहां पर पुलिस बैठती ही नहीं।

  2. चौकियों और सहायता केन्द्रों से पुलिस के लगातार नदारद रहने की शिकायतें मिलने पर दीवानगंज एक्सप्रेस टीम ने ऐसे कई प्वाइंट्स को देखा, जहां पुलिस हो होना चाहिए था, लेकिन पुलिस वहां नहीं मिली। सामने यह आया कि कहीं पुलिस चौकियां बनाने की घोषणा तो हुई, लेकिन वहां सिर्फ बोर्ड लगाकर ही वर्षों से काम शुरू नहीं हुआ। कहीं चौकी बना भी दी गई तो आज तक एक बार भी पुलिसकर्मी नहीं पहुंचे। भीड़ भरे बाजार में स्थापित चौकियों और पुलिस सहायता केन्द्रों पर भी ताले मिले।


  3. कजलीखेड़ा पुलिस चौकी

  4. यह पुलिस चौकी वीरान और उजाड़ पड़ी हुई थी। आसपास के लोगों से पूछने पर पता चला कि आज तक इस पुलिस चौकी पर एक दिन भी पुलिस नहीं बैठी। इस क्षेत्र में तैनात बीट के पुलिसकर्मी दुकानों पर चाय-नाश्ता करने आते हैं और गप्पें हांककर चले जाते हैं। कोलार रोड थाने की इस चौकी को बने हुए तीन वर्ष से अधिक समय हो चुका है। तत्कालीन राज्यसभा सदस्य एमजे अकबर एक सामुदायिक भवन की घोषणा करने यहां आए थे।
    उस समय क्षेत्रीय विधायक की मौजूदगी में इस चौकी को स्थापित किया गया था। चूंकि कोलार रोड पर रासयेन और सीहोर जिलों की सीमा तक कॉलोनियां बस रही हैं, इसलिए यहां की सुरक्षा व्यवस्था दुरुस्त रखने के लिए इस चौकी की स्थापना की गई थी। यहां दर्जनों नई कॉलोनियां बस चुकी हैं, लेकिन पुलिस की सुरक्षा व्यवस्था चौपट है।