भोपाल/ सीएस कार्यालय पहुंचा दो नगर निगम का प्रस्ताव, विभाग ने बंटवारे को बताया पेचीदा

  1. भोपाल। भोपाल को दो नगर निगम में बांटने के प्रस्ताव पर नगरीय विकास एवं आवास विभाग की प्रशासकीय टीप में सवाल उठाए गए हैं। प्रस्ताव की फाइल विभाग से मुख्य सचिव कार्यालय भेज दी गई है। टीप में खासतौर पर देनदारियों व संपत्ति के बंटवारे के संबंध में टिप्पणी है।
    दो नगर निगम में बांटने के प्रस्ताव पर दावे-आपत्ति लेने के बाद कलेक्टर ने इसे नगरीय विकास एवं आवास विभाग को भेज दिया था। विभाग की प्रशासकीय टीप के बाद अब यह आगे बढ़ गया है। दो नगर निगम का प्रस्ताव केवल भूमि के बंटवारे पर आधारित है। इसमें जिक्र नहीं है कि लायबिलिटी व एसेट्स का विभाजन कैसे होगा। अधिकारियों-कर्मचारियों, गाड़ियों, अन्य संसाधनों का बंटवारा कैसे होगा।
    पेयजल व्यवस्था में भी दिक्कत आएगी। नर्मदा लाइन का विभाजन कैसे होगा। भोपाल नगर निगम कर्मचारियों को पेंशन देता है, कई कर्मचारी कोलार में चले जाएंगे, तो उनकी पेंशन का क्या होगा। भोपाल नगर निगम पर जो लोन हैं, उन्हें कौन और कैसे चुकाएगा। आदमपुर खंती का मुद्दा भी है।


विभाजन के पक्ष वाले पत्रों की भाषा एक जैसी
इस प्रस्ताव पर 1897 दावे-आपत्ति आए थे। इनमें से 1415 में दो नगर निगम का विरोध है। जबकि 482 लोगों ने पक्ष में पत्र पेश किया। दिलचस्प है कि पक्ष में आए अधिकतर पत्रों की भाषा एक जैसी है। एक ही पत्र की फोटो कॉपी करवा कर उसमें नाम बदलकर पत्र दे दिया गया है। सूत्रों के अनुसार जब इस प्रस्ताव के विरोध में बहुत सारी आपत्तियां आ गई, तो आखिरी वक्त पर पक्ष वाले लोगों ने एक साथ पत्र दे दिए।