51.छतरपुर विधानसभा क्षेत्र में वर्चस्व की जंग, जमीनी मुद्दों से नहीं को सरोकार: विधायक आलोक चतुर्वेदी और नपा अध्यक्ष अर्चना गुड्डू सिंह के बीच खिलाफत, समस्याओं का लगा अंबार

  1. बुंदेलखंड में वर्चस्व की जंग से छतरपुर शहर व ग्रामों का विकास थम गया है, राजनीतिज्ञ कभी भी नीतिगत सिद्धांतों से समझौता नहीं करते है और इसी को राजनीति कहा जाता है, परन्तु  इन दिनों शहर में सबसे अधिक किसी भी कार्य की सफलता का श्रेय लेने की होड़ मची हुई है और सच यह है कि कोई भी कार्य सफल होता नहीं दिखाई दे रहा है। सूबे में सियासत को बदले हुए एक वर्ष होने को जा रहा है, परन्तु जिन मुद्दों को लेकर नेताओं के द्वारा जनता के घर पहुंचकर मत्था टेकते हुए वोट मांगे गये थे वह मुद्दे असल में आज भी जस के तस बने हुए है। पब्लिसिटी स्टंट करके जनता को बरगलाया जा रहा है। कलेक्टर व जनप्रतिनिधियों के जिला चिकित्सालय के निरीक्षण तथा अस्पताल प्रबंधन आलू चित्र विधि को सख्त निर्देश देने के बावजूद भी जिला चिकित्सालय में सुधार नहीं दिखाई दे रहा है। अमृत मिशन जल योजना के लिए शहर में डाले गये पाइपों के कारण सडक़ो पूरी तरह नष्ट कर दिया गया है जो नगर वासियों के लिए विकराल समस्या बनी हुई है साथ ही बिजली के भारी भरकम बिल और बिजली की आंख मिचौली से लोगों को निजात नहीं मिल पा रही है l शहर के तालाबों को अतिक्रमण से मुक्ति न मिल पाना व शासकीय जमीनों पर भू-माफियों द्वारा बेजा अतिक्रमण किया जाना  न्यू कॉलौनी से सनसिटी को जाने वालो रास्ते में पार्क के पास गंदगी का अंबार लगा है, सुअरों के आंतक से मुंह पर कपड़ा बांधे हुए लोगों को स्वाइन फ्लू जैसी गंभीर बीमारी होने खतरा मडऱा रहा है l मेडिकल कॉलेज के निर्माण में प्रगति नहीं, शहर की बिगड़ी हुई यातायात व्यवस्था में कोई सुधार नहीं, जिले में बड़े उद्योग स्थापित करवाने के लिए जनप्रतिनिधियों के द्वारा प्रयास न करना, बेरोजगारी, मजदूरों को कोई काम नहीं मिलना, शिक्षित युवाओं को रोजगार के अवसर नहीं। नपा अध्यक्ष श्रीमती अर्चना गुड्डू सिंह व  विधायक आलोक चतुर्वेदी पज्जन भैया में तकरार के बीच तू तू मैं मैं जग जाहिर, राजनैतिक प्रतिद्वंद्विता निजी तकरार में तब्दील हो गई है।