- मध्य प्रदेश में कांग्रेस के लिए नए प्रदेश अध्यक्ष का नाम तय कर पाना मुश्किल होता जा रहा है l वहीं
पीसीसी चीफ की दौड़ में सबसे आगे चल रहे दिग्गज नेता पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया की राह आसान होती नहीं दिख रही है l झाबुआ उपचुनाव के बाद अब एक बार फिर प्रदेश अध्यक्ष को लेकर कांग्रेस में घमासान शुरू हो गया है l कमलनाथ सरकार के कैबिनेट मंत्री सज्जन सिंह वर्मा ने उपचुनाव जीतने वाले कांतिलाल भूरिया का नाम अध्यक्ष के लिए आगे बढ़ाकर कांग्रेस में हलचल बढ़ा दी है l मंत्री वर्मा ने कांतिलाल भूरिया को पीसीसी अध्यक्ष के लिए सबसे उपयुक्त नेता बताया है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के 31 आदिवासी विधायक हैं और इस वर्ग के नेता को पीसीसी अध्यक्ष बनाया जाना चाहिए। भूरिया वरिष्ठ आदिवासी नेता हैं और पूर्व में पीसीसी अध्यक्ष भी रह चुके हैं। वहीं ज्योतिरादित्य सिंधिया के कर्जमाफी वाले बयान पर कहा कि सिंधिया तीन बार विदेश यात्रा पर जिसके चलते उन्हें कर्जमाफी की पूरी जानकारी नहीं हैं। उन्हें सूची भेज दी गई है l ऐसे समय भूरिया के नाम की पैरवी की है जब मुख्यमंत्री कमलनाथ दिल्ली में हैं, उनकी वहां कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी सहित अन्य प्रमुख नेताओं से मुलाकात होने की संभावना है। इसके चलते जल्द ही पीसीसी अध्यक्ष के लिए नाम तय होने की सुगबुगाहट तेज हो गई है। लोकसभा चुनाव के बाद से ही प्रदेश अध्यक्ष बदले जाने की चर्चा है इस बारे में कमलनाथ हाईकमान को कह चुके हैं, लेकिन राहुल गांधी के इस्तीफे और फिर उपचुनाव के चलते मामला अटक गया इस बीच सिंधिया ने प्रदेश में लगातार अलग अलग क्षेत्रों के दौरे कर अलग अलग गुट के नेताओं से मुलाक़ात की है, वहीं उनके समर्थक लगातार सिंधिया को प्रदेश अध्यक्ष बनाये जाने की मांग कर रहे हैं लेकिन उनकी राह आसान नहीं है l पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया का पीसीसी अध्यक्ष के लिए नाम सबसे ज्यादा चर्चा में है, लेकिन उनके विरोधियों के प्रयास हैं कि उनको छोड़कर दूसरे किसी भी नेता को जिम्मेदारी सौंप दी जाए।
पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया की बढ़ सकती हैं मुश्किलें कमलनाथ सरकार के कैबिनेट मंत्री सज्जन सिंह वर्मा के बयान से मचा बवाल