भोपाल शहर को साफ सुथरा बनाने में सरकार करोड़ों रुपए खर्च कर रही हैवही नगर निगम के स्वास्थ्य विभाग के एच ओ दरोगा और सुपरवाइजर मिलकर निगम प्रशासन की आंखों में धूल झोंक रहे हैं लाखों रुपए महीने की मलाई खा रहे हैं भोपाल नगर निगम के अधिकारी वार्ड एवं जॉन कार्यालय में यह मामला सामने आ रहा है निगम के सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार वार्ड में तीन प्रकार के कर्मचारी नियुक्त किए जाते हैं परमानेंट 89 दिन और 25 दिवसीय कर्मचारी परंतु ज्यादातर ही 25 दिवसीय कर्मचारी भोपाल के वाडो में नजर आते हैं परमानेंट और 89 दिन कर्मचारी कभी भी काम पर नहीं आते इस संबंध में हमारी टीम में कुछ सफाई मित्रों से चर्चा की तो उन्होंने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि पूरे भोपाल के वार्डों में परमानेंट और 89 दिवस कर्मचारी सब फ्री चलते हैं दरोगा और सुपरवाइजर इनसे प्रति माह ₹5000 वसूलते हैं और बताया फ्री चलने वाले कर्मचारियों कि घर पर जाकर अंगूठा लगवा लेते हैं या फिर वार्ड में ही कोई ऐसी जगह निर्धारित कर ली जाती है जहां आकर फ्री चलने वाले कर्मचारी अपना अंगूठा लगाकर अपनी हाजिरी पूरी बता रहे हैं और जो 25 दिवसीय करमचारी बराबर मेहनत और लगन से काम को अंजाम दे रहे हैं उनकी नगर निगम प्रशासन द्वारा तीन 3 महीने से पेमेंट नहीं की जाती है 25 दिवसीय कर्मचारियों का हाल यह है कि विचारे पूरे महीने दूसरों से कर्ज लेकर अपने बच्चों का पालन पोषण कर रहे हैं और निगम प्रशासन इन मेहनती लोगों को समय पर वेतन नहीं दे पा रहा है और जो लोग जॉन के अधिकारियों को कमा कर दे रहे हैं उनका पेमेंट हर महीने आ रहा है जब इस मामले की शिकायत हमारे संवाददाता ने एडीसी राजेश राठौर साहब से फोन पर चर्चा की तो एडीसी साहब बोले इसकी जांच करवाई जाएगी जांच सही पाई जाती है कठोर कार्रवाई करने की बात कही
भोपाल नगर निगम में सफाई कर्मचारी के नाम पर हो रहा भारी भ्रष्टाचार फ्री चलने वाले कर्मचारी अपनी उपस्थिति दर्ज करवाने के लिए देते हैं पैसा