
केपी अग्निहोत्री परिवहन निरीक्षक ने 7 साल से वेतन नहीं लिया
चौंकाने वाली बात यह है कि केपी अग्निहोत्री परिवहन निरीक्षक ने पिछले सात सालों से विभाग से वेतन नहीं लिया है। विभाग बार-बार इस अधिकारी को नोटिस देकर बैंक अकाउंट नंबर समेत अन्य दस्तावेज उपलब्ध कराने के लिए कह रहा है लेकिन केपी अग्निहोत्री परिवहन निरीक्षक ने अब तक ना तो अपना बैंक अकाउंट नंबर दिया और ना ही दस्तावेज उपलब्ध कराए। 2012 तक चेक से वेतन प्राप्त करते थे केपी अग्निहोत्री परिवहन निरीक्षक
परिवहन विभाग के निरीक्षक केपी अग्निहोत्री ने साल 2012 से विभाग से वेतन नहीं लिया है। विभाग अब तक कई बार इन्हें नोटिस देकर इनका बैंक एकाउंट नंबर, पैन कार्ड, आधार कार्ड की जानकारी मांग चुका है। लेकिन, वो जानकारी देने के लिए ही तैयार नहीं है। अधिकारियों का कहना है कि साल 2012 के पहले तक चेक से वेतन का भुगतान होता था लेकिन इसके बाद से वेतन सीधे खाते में जमा कराया जाता है। इस वजह से उनका एकाउंट नंबर कई बार मांगा जा चुका है लेकिन वे देने को तैयार नहीं है।
केपी अग्निहोत्री परिवहन निरीक्षक पांच बार सस्पेंड हो चुके हैं
अग्निहोत्री पूरे सेवाकाल में विवादित रहे हैं। वे अब तक पांच बार सस्पेंड हो चुके हैं। इसमें अनुशासनहीनता, भ्रष्टाचार के मामले में चालान पेश होने, संपत्ति की जानकारी नहीं देने, राजगढ़ में हुई बस दुर्घटना समेत नौकरी से लगातार बिना बताए लंबे समय तक गायब रहने के मामले शामिल हैं। उनके खिलाफ कई विभागीय जांच भी लंबित हैं। इसके अलावा महिला से छेड़छाड़ के मामले में भी अग्निहोत्री के खिलाफ कोर्ट ने वारंट जारी किया था। ईओडब्ल्यू जबलपुर ने अफसर के खिलाफ तीन मामले दर्ज किए हैं।
उप सचिव कमल नागर और बाबू आईएस मीना के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश
अग्निहोत्री को पिछली बार लंबे समय तक नौकरी से गायब रहने के मामले में सस्पेंड किया था। इस मामले में उन्हें अनाधिकृत तरीके से बहाल करने के आरोप में परिवहन विभाग के तत्कालीन उप सचिव कमल नागर और बाबू आईएस मीना के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश परिवहन विभाग के प्रमुख सचिव ने सामान्य प्रशासन विभाग के प्रमुख सचिव को दिए हैं। दोनों ने विभाग को गुमराह कर अग्निहोत्री को बहाल कराया है। यह निर्देश करीब एक महीने पहले दिए गए हैं। हालांकि अब तक मामले में कोई कार्रवाई नहीं की गई है। वर्तमान में नागर मंत्री गोविंद सिंह राजपूत के ओएसडी हैं। जबकि मीणा भी मंत्री राजपूत के स्टाफ में पदस्थ हैं।