सियासी दंगल राजनीति का अखाड़ा बना मंदसौर: पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज का धरना, मुख्यमंत्री कमलनाथ एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया भी देखेंगे बर्बादी का हाल
इमरान खान पत्रकार
मध्य प्रदेश में बाढ़ से हुई बर्बादी से जूझ रहे लोग फिर से अपने आशियाने बसाने के संघर्ष में जुटे हुए हैं l वहीं इस बर्बाद पर सियासत ख़त्म होने का नाम नहीं ले रही है l प्रदेश की राजनीति में मंदसौर सत्ता का केंद्र बन गया है। किसान गोलीकांड के बाद से मंदसौर को लेकर प्रदेश में राजनीति शुरू हुई जो अब तक जारी है। शिवराज सरकार के समय किसान गोलीकांड को लेकर कांग्रेस ने सरकार की घेराबंदी की थी, अब जब कांग्रेस सरकार में हैं तो भाजपा सरकार को घेरने में लगी है। खास बात यह है कि शिवराज सिंह चौहान मंदसौर में अनशन कर रहे हैं। उनका अनशन चौबीस घंटे का है। इसके बाद 23 सितंबर को मुख्यमंत्री कमलनाथ मंदसौर जाएंगे, इस दौरान वे बाढ़ पीडि़तों के लिए बड़ा ऐलान कर सकते हैं l पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह भी मंदसौर जिले के दौरे पर रहेंगे, वहीं ज्योतिरादित्य सिंधिया भी 24 को बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करेंगे l आने वाले कुछ दिन नेताओं की आवाजाही से राजनीति का पारा गर्म रहने वाला है| क्यूंकि दोनों ही दल के नेता एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप में जुटे हुए हैं l बाढ़ से हुए नुकसान के बाद प्रभावितों को राहत देने और किसानों की फसल नुकसानी पर मुआवजा देने की मांग को लेकर आज पूर्व मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान 24 घंटे का कलेक्टोरेट के सामने पूरे संसदीय क्षेत्र के लोगों को लेकर धरना देंगे तो रात्रि जागरण के बाद सरकार को सद्बुद्धि के लिए भजन-कीर्तन भी करेंगे। वहीं पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजयसिंह भी गांवों में बाढ़ प्रभावितों के बीच पहुंचेगे। 23 को मुख्यमंत्री कमलनाथ भी पहुँच रहे है, जिसको लेकर प्रशासन तैयारियों में लगा है। बाढ़ के बाद नेताओं के दौरे के बीच जिले में राजनीति का हाईवोल्टेज ड्रामें का दौर जारी है। पूर्व मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान कलेक्टोरेट के बाहर धरना देंगे। यह धरना 24 घंटे तक चलेगा। इस दौरान यहां पर वह रात्रि जागरण भी करेंगे और सरकार की सद्बुद्धि के लिए यहां चौहान का भजन-कीर्तन का भी आयोजन है।